बिजली उपभोक्ताओं पर भारी पड़ने जा रहा वर्ष 2020

Edited By swetha,Updated: 25 Nov, 2019 12:45 PM

the year 2020 is going to be heavy on electricity consumers

पावरकॉम चाहती है 1,424 करोड़ इसी वर्ष उपभोक्ताओं से हों वसूल

चंडीगढ़(शर्मा): अगला कैलेंडर वर्ष यानी 2020 पंजाब के बिजली उपभोक्ताओं पर भारी पडऩे जा रहा है। इसका कारण पंजाब पावरकॉम की वित्तीय हालत है जिसे सुधारने के लिए प्रस्तावित प्रस्तावों अनुसार उपभोक्ताओं को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। पंजाब पावरकॉम एक और वित्तीय संकट का रोना रोकर पंजाब स्टेट इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेटरी कमीशन से चालू वित्त वर्ष के लिए निश्चित दरों में संशोधन की मांग कर रही है। वहीं निजी कंपनियों को कोयला ढुलाई के रूप में करोड़ों की अदायगी का बोझ उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त रूप से डालना चाह रही है। इस बाबत रैगुलेटरी कमीशन के पास बाकायदा पटीशन भी दायर कर दी गई है। दूसरी ओर सरकार घटनाक्रम पर उदासीन रवैया अपनाते हुए न सिर्फ चुपचाप बैठी है, बल्कि कमीशन के आदेशों अनुसार किसानों व समाज के अन्य वर्गों को प्रदान की जा रही नि:शुल्क बिजली के बदले माहवार एडवांस में पावरकॉम को अदा की जाने वाली सबसिडी राशि में भी 6 हजार करोड़ से अधिक की डिफाल्टर हो गई है। सरकार की उदासीनता के चलते बिजली उपभोक्ताओं पर वित्तीय चपत लगने वाली है।

पावरकॉम चाहती है 1,424 करोड़ इसी वर्ष उपभोक्ताओं से हों वसूल
पंजाब पावरकॉम ने रैगुलेटरी कमीशन के समक्ष पटीशन में कमीशन से मांग की कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के आधार पर निजी बिजली कंपनियों नाभा पावर लि. और तलवंडी साबो पावर लि. को कोयला ढुलाई के बदले 14 अरब 23 करोड़ 82 लाख 33 हजार 733 रुपए के भुगतान की रिकवरी उपभोक्ताओं से चालू वित्त वर्ष दौरान ही की जाए। कमीशन ने पटीशन पर संबंधित पक्षों और उपभोक्ताओं से ऐतराज व सुझाव मांगे हैं जिस पर कमीशन 4 दिसम्बर को जन सुनवाई सत्र दौरान सुनवाई करेगा। कमीशन द्वारा पावरकॉम से राशि की रिकवरी के लिए प्रस्ताव मांगने पर पावरकॉम ने जो प्रस्ताव रखे हैं उसके अनुसार रिकवरी 6 माह के अंदर की जानी है तो उपभोक्ता को 63 पैसा प्रति यूनिट के साथ कैरिंग कॉस्ट का भुगतान करना होगा। 9 माह में रिकवरी किए जाने के लिए प्रति यूनिट 35 पैसा व कैरिंग कॉस्ट तथा रिकवरी उपभोक्ताओं से एक वर्ष में की जानी है तो यह दर 28 पैसा प्रति यूनिट होगी जबकि कैरिंग कॉस्ट का भुगतान अलग से करना होगा। पावरकॉम ने कमीशन से मांग की कि 1,424 करोड़ की राशि की रिकवरी उपभोक्ताओं से जनवरी, 2020 से ही शुरू कर दी जाए।

कमीशन के पास दायर की चालू वित्त वर्ष की दरों में संशोधन की रिव्यू पटीशन 
1,424 करोड़ की उपभोक्ताओं से रिकवरी की पटीशन के अलावा पावरकॉम ने वित्तीय संकट का रोना रोते हुए रैगुलेटरी कमीशन के समक्ष चालू वित्त वर्ष के लिए कमीशन द्वारा गत मई माह में तय दरों में संशोधन करने व बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने के लिए रिव्यू पटीशन दायर की है। इस पटीशन में कहा गया है कि कमीशन पावरकॉम द्वारा दिए तर्कों के आधार पर पावरकॉम के पक्ष में सकारात्मक रवैया नहीं अपनाता तो पावरकॉम का संचालन खतरे में पड़ जाएगा। पावरकॉम ने पटीशन में बिजली खरीद, ईंधन खर्च, कैपिटल एक्सपैंडिचर, वर्किंग कैपिटल पर अदा किए गए ब्याज आदि पर रैगुलेटरी कमीशन की गणना को चुनौती देते हुए बिजली दरों में संशोधन की मांग की है।

पावरकॉम को 30 साल बाद एस.वाई.एल. नहर में घाटे की आई याद 
कमीशन के पास चालू वित्त वर्ष की दरों में संशोधन की मांग को लेकर दायर पटीशन में पावरकॉम ने कहा है कि एस.वाई.एल. नहर के मामले में 96.25 करोड़ का नुक्सान हुआ है। पावरकॉम ने वर्ष 2017-18 के लिए दायर वाॢषक राजस्व प्राप्तियों की पटीशन में नुक्सान की रिकवरी बिजली दरों में बढ़ौतरी के रूप में की थी लेकिन कमीशन ने इस तर्क के आधार पर कि इस नहर का निर्माण 30 वर्ष पहले रोक दिया गया था तो अब इस खर्च की रिकवरी किए जाने का कोई औचित्य नहीं, पावरकॉम के इस खर्च को मानने से इंकार कर दिया था लेकिन रिव्यू पटीशन में पावरकॉम ने तर्क दिया है कि आखिर नुक्सान तो हुआ ही है, अगर इसे 2017-18 में सामने लाया गया तो बुराई क्या है। 

सरकार है उदासीन, नहीं कर रही रैगुलेटरी कमीशन के आदेश का पालन
वोट बैंक की राजनीति से मजबूर पंजाब सरकार रैगुलेटरी कमीशन से किसानों व समाज के अन्य वर्गों को नि:शुल्क बिजली सप्लाई के बदले पावरकॉम को दी जाने वाली सबसिडी राशि के भुगतान के वायदे पर खरा नहीं उतर रही। इसके चलते पावरकॉम रैगुलेटरी कमीशन के समक्ष वित्तीय संकट का रोना रोकर उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने के आधार तैयार कर रही है। चालू वित्त वर्ष के दौरान पंजाब सरकार ने सबसिडी के रूप में पावरकॉम को कुल 14,972.09 करोड़ का भुगतान करना है। हालांकि कमीशन ने किस्तों में माहवार अग्रिम रूप से भुगतान करने का आदेश जारी किया है लेकिन पंजाब सरकार हमेशा कमीशन के आदेश को ठेंगा दिखाती रही। चालू वित्त वर्ष दौरान 15 नवम्बर तक पंजाब सरकार को सबसिडी के रूप में पावरकॉम को 9,897.84 करोड़ का भुगतान किया जाना चाहिए था लेकिन वास्तव में सिर्फ 3,497.58 करोड़ का ही भुगतान किया। इस राशि में भी पावरकॉम द्वारा पंजाब सरकार को उदय योजना के कर्ज पर दिए जाने वाले ब्याज व अन्य कर शामिल हैं। इस तरह गत 15 नवम्बर तक पंजाब सरकार बिजली सबसिडी के मामले में 6,400.26 करोड़ की डिफाल्टर है। यदि समय रहते पंजाब सरकार इस राशि का भुगतान करती रहती तो शायद ही पावरकॉम को रैगुलेटरी कमीशन के पास वित्तीय संकट का रोना न रोना पड़ता और राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को भी कुछ राहत का रास्ता दिखाई पड़ता।  अगले वित्त वर्ष के लिए अभी दायर होनी है दरों में संशोधन की पटीशनउक्त मामलों के अलावा पावरकॉम ने अगले वित्त वर्ष के लिए दरों में संशोधन के लिए अभी वाॢषक राजस्व प्राप्तियों की पटीशन दायर करनी है। जिसके आधार पर आगामी एक अप्रैल से फिर से संशोधन होगा। जाहिर है कि उक्त सभी तथ्यों के आधार पर वर्ष 2020 राज्य के बिजली उपभोक्ताओं पर भारी पडऩे जा रहा है।

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