‘रेत और खेत’ से नजर हटे तो रजबाहों की सुध ले सरकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jun, 2017 01:35 PM

the sand and the farm saw the government and see the canal pole

चुनाव से पहले और अब तक सरकार का सारा ध्यान ‘रेत और खेत’ पर टिका हुआ है। चुनाव से पहले कांगे्रसी नेताओं ने रेत और किसानों की खुदकुशियों को एक बड़ा मुद्दा बनाया था। कांग्रेस की सरकार बने 100 दिन हो गए हैं।

मोगा/भटिंडा/संगरूर (पवन ,बावा): चुनाव से पहले और अब तक सरकार का सारा ध्यान ‘रेत और खेत’ पर टिका हुआ है। चुनाव से पहले कांग्रेसी नेताओं ने रेत और किसानों की खुदकुशियों को एक बड़ा मुद्दा बनाया था। कांग्रेस की सरकार बने 100 दिन हो गए हैं। अब खुद कांग्रेस पर रेत माइनिंग में घोटाले के आरोप लगने लगे हैं। दूसरी तरफ नहरों की सफाई नहीं होने और किनारे कच्चे होने के कारण रजबाहे टूटने लगे हैं। अकेले भटिंडा में ही 6 महीनों के दौरान 7 बार रजबाहे टूट चुके हैं। वहीं मोगा में 2 बार और संगरूर में भी रजबाहे टूट चुके हैं। नहरों की सफाई नहीं होने और किनारे पक्के करने को लेकर जब सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह से बात की गई तो उन्होंने अकाली-भाजपा सरकार के सिर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि अकालियों ने कुछ किया ही नहीं। 

पिछले 5 दिनों में 2 बार टूटी किंगवाह नहर
समूचे पंजाब में 14,500 किलोमीटर लंबी नहरें हैं जिससे 31 लाख हैक्टेयर फसलों की सिंचाई होती है। गत दिवस पंजाब के मालवा क्षेत्र से संबंधित भटिंडा तथा मोगा जिलों की नहरों में दरार पडऩे से किसानों की फसलों का नुक्सान हुआ है। जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह दौरान पड़ी बारिश से नहरों में पानी का स्तर बढऩे के कारण समस्या और भी गंभीर होती दिखाई दे रही है।

भटिंडा में नहर में दरार पडऩे उपरांत मोगा के कस्बा कोट ईसे खां के क्षेत्र में से गुजरती किंगवाह नहर में 5 दिनों के अंदर ही 2 बार दरार पड़ चुका है। किसान सुरजीत सिंह का कहना था कि नहरों की मुरम्मत वर्षों से न होने के कारण किंगवाह नहर में 2 बार दरार पड़ चुकी है। किसानों को अब भी खदशा है कि भविष्य में यदि दोबारा नहर में दरार पड़ती है तो किसानों पर और भी आॢथक संकट मंडरा सकता है।

अपने जिलों पर ही रहे मेहरबान मंत्री
विभागीय सूत्रों से मिले ब्यौरों अनुसार गत अकाली सरकार समय सिंचाई मंत्री रहे शरनजीत सिंह ढिल्लों तथा जनमेजा सिंह सेखों ने सिर्फ लुधियाना तथा फिरोजपुर जिलों में से गुजरती नहरों के ही कुछ हिस्सों की मुरम्मत करवाई थी जबकि पंजाब की अन्यों नहरों पर कभी भी सिंचाई विभाग की नजर नहीं पड़ी।

पिछली सरकार ने सारा किया विनाश : राणा 
पंजाब के सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि गत अकाली-भाजपा सरकार ने पंजाब का विनाश किया तथा किसानों-मजदूरों के मसलों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जबकि अब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में नहरों के विकास तथा किसानों की समस्याओं के हल के लिए विशेष बजट रखा गया है। जल्द ही नहरों की साफ-सफाई, मुरम्मत तथा नई नहरों का निर्माण शुरू किया जाएगा।

सरकार को भेजा जा चुका है प्रोजैक्ट, नहीं पहनाया अमलीजामा
मोगा के गांव तलवंडी भंगेरियां में भी 2 दिन पहले रजबाहा टूटने के कारण किसानों ने उसे अपने स्तर पर ही ठीक किया है। विभागीय सूत्रों ने खुलासा किया कि चाहे समय-समय पर नहरी विभाग नहरों तथा कस्सियों की संभाल संबंधी विशेष प्रोजैक्ट तैयार करवाकर पंजाब सरकार को भेजता है लेकिन सरकार की ओर से फंडों की कमी के चलते पिछले कई सालों से इस प्रोजैक्ट को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। जानकारी के अनुसार पिछले कई सालों से नहरों की सफाई नहीं हुई है। अब कई स्थानों पर मनरेगा द्वारा नहरों तथा कस्सियों की सफाई करवाई गई है लेकिन सूत्र बताते हैं कि यह सफाई मनरेगा मुलाजिमों के पास साधनों की कमी के कारण ठीक से नहीं हो सकी लेकिन मुलाजिमों ने अपना जोर जरूर लगाया है।

सिंचाई विभाग अधिकारी बोले...
इस संबंधी सिंचाई विभाग के एक्सियन सी.एम. जैन ने कहा कि काफी समय से नहरों की मुरम्मत तथा सफाई नहीं हुई है। नहरों तथा कस्सियां टूटने का एक मुख्य कारण यह भी है कि किसान वर्ग कुछ स्थानों पर कथित तौर पर रात समय धान को पानी देने के लिए नहरों में कट लगा लेता है तथा बाद में किसानों की ओर से पानी संभलता नहीं जिस कारण कई बार नुक्सान भी होता है। उन्होंने कहा कि जब कहीं ऐसी घटना होती है तो विभाग तुरंत कार्रवाई करता है।

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