Edited By Urmila,Updated: 29 Jul, 2022 12:29 PM
पंजाब सरकार ने अपनी फसल के अवशेष प्रबंधन योजना केंद्र सरकार को सौंप दिए हैं।
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने अपनी फसल के अवशेष प्रबंधन योजना केंद्र सरकार को सौंप दिए हैं। इस बीच पंजाब सरकार ने दावा किया है कि वर्ष 2024 तक धान की पराली जलाने की प्रक्रिया पूरी तरह खत्म कर दी जाएगी। इसे पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में सांझा किया। उन्होंने कहा कि पंजाब ने पराली जलाने से रोकने के लिए राज्य विशेष कार्य योजना भी सौंपी है।
गौरतलब है कि पंजाब में हर वर्ष करीब 2 करोड़ टन धान की पराली का उत्पादन होता है। राज्य सरकार की योजना के अनुसार, राज्य सरकार ने 2023-24 तक 5.22 मीट्रिक टन फसल विविधीकरण का प्रस्ताव रखा है।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि धान की पराली जलाने से परहेज करने वाले किसानों को नकद प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव उन्होंने तैयार किया है। बता दें कि अक्तूबर और नवंबर के महीनों में राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि के पीछे पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा धान के पराली जलाने को मुख्य कारणों में से एक बताया जाता है।
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