सुख-दुख में साथ देने वाले को डालेंगे कीमती वोट

Edited By Updated: 30 Jan, 2017 02:31 PM

the pleasure and pain that will accompany precious vote

पार्क में सैर करने आए लोगों के साथ जब विधानसभा सीट संबंधी बातचीत की गई तो अधिकतर सैर करने वालों का कहना था कि राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव समय तो लोगों के घर-घर जाकर उन्हें अपने पक्ष में वोट डालने हेतु विनती करते हैं, लेकिन बाद में वोटरों...

जालंधरःपार्क में सैर करने आए लोगों के साथ जब विधानसभा सीट संबंधी बातचीत की गई तो अधिकतर सैर करने वालों का कहना था कि राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव समय तो लोगों के घर-घर जाकर उन्हें अपने पक्ष में वोट डालने हेतु विनती करते हैं, लेकिन बाद में वोटरों को मिलना तो दूर उनकी मुश्किल तक भी सुनने को तरजीह नहीं देते। इसके चलते वोटर खुद को हताश व निराश हुआ महसूस करता नजर आता है। सैर करने वालों का यह भी मानना है कि यदि ऐसे राजनेता 5 वर्ष तक केवल अपने कार्यों में ही लगे रहते हैं तो वोटरों को भी चाहिए वे इन्हें दरकिनार करते हुए उस प्रत्याशी को अपना कीमती वोट डालें जो उनकी बात सुनने वाला, उनके दुख-सुख में साथ देने वाला हो।

क्या हैं प्रतिक्रियाएं सैर करने आए लोगों की
सरकार द्वारा किए गए वायदों को पूरा नहीं किया गया जिसके चलते लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। उधर, दूसरी तरफ नोटबंदी होने से आम आदमी जो आजाद था, गुलाम होकर रह गया है। इस नोटबंदी ने कारोबार को लगभग ठप्प करके रख दिया है।   -विजय मल्होत्रा
 

चुनाव दौरान अक्सर 84 के दंगों का मुद्दा स्टेजों पर मुद्दा उठाया जाता रहा है, जिसके चलते 84 के सिख दंगा पीड़ितों को मुआवजा दिया गया है लेकिन पंजाब में मारे गए हिन्दुओं का मुद्दा अभी तक नहीं उठाया गया, जो भी सरकार आए वह पहले मारे गए हिन्दुओं के परिवारों को बनता मुआवजा दिलाए ।     -नरेश सागर

 

हमें टैक्सों से राहत के साथ-साथ सुविधाएं भी चाहिएं, जिससे हर वर्ग प्रफुल्लित हो सके। यदि सरकार ने टैक्स लगाने हैं तो सुविधाएं भी दे, जिससे कारोबार बढ़ सके। इसके अलावा सड़कों पर कूड़ा व कई गलियों की नालियां जाम पड़ी हुई है, प्रशासन सफाई व्यवस्था पर पूरा ध्यान दे।     -विजय महाजन

 

सरकार कोई भी हो, लेकिन उसका एक ही मकसद होना चाहिए कि वह समाज के प्रति जवाबदेह हो क्योंकि अधिकतर देखा गया है कि जब कोई भी पार्टी चुनाव जीतकर सत्तासीन हो जाती है तो उसके बाद वह अपने ही किए गए वायदों को भूल जाती है। जो भी सरकार सत्ता में आए तो वह अपने वायदों को पूरा करने में प्रयत्नशील रहे।     -एम.एल. शर्मा

 

पंजाब में ऐसी सरकार बननी चाहिए जो लोगों की उम्मीदों पर खरी उतर सके और अपने चुनाव मनोरथ-पत्र दौरान जो भी जनता से वायदे करे, उन्हें समय रहते पूरा करे। इसके अलावा बिजली, सफाई, स्वच्छ पेयजल, वाटर सप्लाई व सीवरेज आदि जरूरी सुविधाएं दी जाएं।     -बलराम चोपड़ा

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