Edited By Des raj,Updated: 16 Sep, 2018 09:12 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार ने पंजाब केसरी समूह द्वारा आयोजित 115वें शहीद परिवार फंड समारोह में कहा कि आतंकवाद का दर्द उन्होंने बहुत करीब से देखा है। आतंकवाद के दौर में वह अमृतसर में तैनात थे। उस समय...
जालंधर: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार ने पंजाब केसरी समूह द्वारा आयोजित 115वें शहीद परिवार फंड समारोह में कहा कि आतंकवाद का दर्द उन्होंने बहुत करीब से देखा है। आतंकवाद के दौर में वह अमृतसर में तैनात थे। उस समय मौजूदा डी.जी.पी. सुरेश अरोडा भी अमृतसर में कार्यरत थे। उन्होंने अक्तूबर 1987 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकियों ने अमृतसर में एक मंदिर में बम चलाया जिसमें 35 से 40 लोग शहीद हो गए। अभी प्रशासन व पुलिस इन शहीद लोगों की मदद के लिए जुटी ही थी कि एक अन्य मंदिर में बम चलने की सूचना मिल गई जिसमें पुन: 35 से 40 लोग शहीद हो गए।
उन्होंने कहा कि अमृतसर में कफ्र्यू लगाना पड़ा तथा उन्होंने व सुरेश अरोड़ा ने मिल कर उस समय शहीद होने वाले लोगों का अंतिम संस्कार करवाया। उन्होंने कहा कि लोगों की चीख-पुकार सुनकर उनका भी हृदय छलनी हो गया था। यही नहीं हादसों का दौर चलता रहा। तरनतारन के निकट पड़ते झंडियाला में आतंकियों ने एक पुलिस थाने पर हमला बोल दिया था। वह अमृतसर से तुरन्त श्री अरोड़ा के साथ पुलिस थाने में पहुंचे। वहां उनसे पहले ही एम.एस. बिट्टा मौके पर मौजूद थे। तब स्थिति सामान्य होने के बाद वह स्वयं बिट्टा को अमृतसर में उनके घर छोड़ कर आए थे। सुरेश कुमार ने कहा कि आतंकियों का दर्द पंजाब केसरी परिवार ने समझा है जिन्होंने शहीद परिवार फंड की मार्फत इन परिवारों की मदद करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि आज चारों ओर झूठ का बोलबाला है तथा गरीबों की कोई भी मदद नहीं करता। ऐसे असहाय लोगों की मदद के लिए हम सबको आगे आना है। मुश्किलें चाहे काफी
अधिक हैं परन्तु साथ ही अफवाहों का दौर भी चलता रहता है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में हजारों कुर्बानियां देने के बाद बहाल हुई अमन व शांति को हर कीमत पर बरकरार रखेगी तथा शांति को भंग करने की किसी को भी अनुमति नहीं देगी।