Edited By swetha,Updated: 22 Apr, 2018 01:52 PM
सिख रहित मर्यादा के अनुसार पगड़ी सिखों के पहरावे का जरूरी हिस्सा है व सिख खिलाडिय़ों को पगड़ी की जगह अन्य सुरक्षा साधन प्रयोग करने के लिए मजबूर करना किसी भी तरह से जायज नहीं है। यह विचार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह...
अमृतसर(स.ह.): सिख रहित मर्यादा के अनुसार पगड़ी सिखों के पहरावे का जरूरी हिस्सा है व सिख खिलाडिय़ों को पगड़ी की जगह अन्य सुरक्षा साधन प्रयोग करने के लिए मजबूर करना किसी भी तरह से जायज नहीं है। यह विचार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल ने एक सिख साईक्लिस्ट की याचिका के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से किए गए सवाल के बाद प्रकट किए।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के सिख साइक्लिस्ट जगदीप सिंह पुरी ने सुप्रीम कोर्ट में एक स्थानीय साइकलिंग एसोसिएशन की ओर से हेल्मट पहनने की लाजमी शर्त को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था कि क्या पगड़ी सिख के लिए लाजमी है या केवल सिर ढकने का एक साधन है। इस पर शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष भाई लौंगोवाल ने कहा कि पगड़ी सिख की शान है । यह सिख पहचान साथ-साथ सुरक्षा भी प्रदान करती है। दस्तारधारी सिख को हेल्मट पहनने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सिखों की पगड़ी संबंधी किसी को भ्रम नहीं है, क्योंकि देश के रह चुके प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी पगड़ी सजाते रहे हैं। शिरोमणि कमेटी प्रधान ने कहा कि देश अंदर सिखों की पगड़ी से संबंधित किसी किस्म का भ्रम नहीं होना चाहिए।