नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मैन्यूफैक्चरिंग पर भी लगा दिया है बैन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jul, 2017 07:41 AM

the national green tribunal has also imposed a ban on manufacturing

समाज सेवी संस्थाओं, धार्मिक संगठनों, पर्यावरण प्रेमियों की अपील व दर्जनों बेगुनाह लोगों की जान जाने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने चाइनीज डोर यानि सिंथैटिक डोर के निर्माण पर ही बैन लगा दिया है और पंजाब में तो पहले ही समूह...

अमृतसर (नीरज): समाज सेवी संस्थाओं, धार्मिक संगठनों, पर्यावरण प्रेमियों की अपील व दर्जनों बेगुनाह लोगों की जान जाने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने चाइनीज डोर यानि सिंथैटिक डोर के निर्माण पर ही बैन लगा दिया है और पंजाब में तो पहले ही समूह डिप्टी कमिश्नरों की तरफ से इस डोर के प्रयोग करने व बिक्री करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग आॢथक लाभ लेने के लिए सिथैंटिक डोर की बिक्री कर रहे हैं। दिल्ली व यू.पी. के मैन्यूफैक्चरर्स से चाइनीज डोर पंजाब में लाकर रिटेल में सप्लाई करने से बाज नहीं आ रहे हैं और सर्दी के सीजन में चाइनीज डोर बेचने के लिए स्टॉक इकट्ठा कर रहे हैं। 

गली-मोहल्लों में की जाए चाइनीज डोर का प्रयोग करने वालों पर कार्रवाई
चाइनीज डोर के खिलाफ हाई कोर्ट में कानूनी लड़ाई लडऩे वाली पंजाब सरकार के समक्ष चाइनीज डोर का मुद्दा उठाने वाली समाजसेवी संस्थाओं का कहना है कि प्रशासन व पुलिस को चाइनीज डोर के खिलाफ जैसा सख्त अभियान चलाना चाहिए, वैसा चलाया नहीं जा रहा है। सभी गली-मोहल्लों में बज्जे अपने घरों की छतों पर चाइनीज डोर से ही पतंग उड़ाते नजर आते हैं, शायद ही कोई ऐसा बज्जा नजर आता हो जो चाइनीज डोर से पतंग नहीं उड़ाता है, ऐसे में पुलिस व प्रशासन को चाहिए कि वह सभी पुलिस थानों के अधीन आने वाले गली-मौहल्लों में अभियान चलाए। 

चाइनीज डोर से पतंग उड़ाने वाले बच्चों को छतों से उतारकर उनके खिलाफ व उनके अभिभावकों के खिलाफ पर्चा दर्ज किया जाए अन्यथा तब छोड़ा जाए जब चाइनीज डोर के विक्रेता के नाम का खुलासा करें। कुछ दिन तक ही इस प्रकार का अभियान चलाने पर चाइनीज डोर का प्रयोग पूरी तरह से बंद हो जाएगा।

पेड़ों पर लटकते पक्षी मानो फांसी पर लटकाए गए हों
चाइनीज डोर की चपेट में आने से अभी तक दर्जनों लोगों की मौत तो हो ही चुकी है वहीं बेजुबान पशु-पक्षी भी इस खूनी डोर की चपेट में आकर बुरी तरह से मर रहे हैं। चाइनीज डोर की लपेट में आए पेड़ों पर लटकते पक्षी ऐसे लगते हैं मानों किसी ने उनको फांसी पर लटका दियाहो। 

सिंथैटिक डोर बनाने वाले यूनिट बंद करवाए एन.जी.टी.
सिंथैटिक डोर के निर्माण पर बैन लगाकर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने साहसिक कदम उठाया है लेकिन जो यूनिट इस डोर का उत्पादन करते हैं उनको भी बंद करवाया जाए। इसके लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाना चाहिए ताकि मिलीभगत से इस डोर का निर्माण कार्य कहीं चलता न रहे। आदेश का सख्ती से पालन करवाना भी जरूरी है।   

प्राइवेट ट्रांसपोर्ट व बसों के जरिए लाई जा रही है चाइनीज डोर
चाइनीज डोर के मामले में नया पहलू यह भी सामने आया है कि पुलिस की तरफ से चाइनीज डोर के खिलाफ सख्ती किए जाने के बाद अब इसके विक्रेता प्राइवेट ट्रांसपोर्टों व बसों के जरिए भी चाइनीज डोर मंगवा रहे हैं। कुछ लोग एक-एक पेटी करके हर रोज चाइनीज डोर ला रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए और बसों व ट्रकों में भी तलाशी अभियान चलाया जाना चाहिए। दिल्ली से अमृतसर की तरफ एफ.ओ.आर. डिलीवरी करने वाले ट्रांसपोर्टर बिना किसी स्पष्ट पते के भी माल बुक कर लेते हैं जिससे पकड़े जाने पर चाइनीज डोर की डिलीवरी लेने वाले का पता नहीं चलता है।

सी.आई.ए. स्टॉफ की तरफ से कुछ ट्रांसपोर्ट्स पर कार्रवाई के दौरान सामने आया कि बिल व चालान में सिर्फ एक मोबाइल नंबर पर ही था जिस पर माल बुक किया गया था, जब चाइनीज डोर पकड़ी गई तो मोबाइल बंद कर लिया गया और रिसीवर पुलिस के हाथ नहीं लग सका। 

जरूरत है विक्रेताओं पर सख्त कार्रवाई करने की
जिला अमृतसर की बात करें तो पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार में तत्कालीन डी.सी. काहन सिंह पन्नू ने चाइनीज डोर की बिक्री के मामले की गहराई के साथ जांच करवाई थी और प्रतिबंध लगाया था इसके बाद डी.सी. रजत अग्रवाल, डी.सी. रवि भगत, डी.सी. वरुण रूजम व अब कैप्टन सरकार में मौजूदा डी.सी. कमलदीप स्ंिाह संघा इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने इसके प्रयोग व बिक्री पर बैन लगाया दिया है, लेकिन इस समय जरूरत है इसके विक्रेताओं पर सख्त कार्रवाई करने की ताकि किसी बेगुनाह की जान न जाए और पशु-पक्षियों को भी बचाया जा सके।

प्रशासन जल्द चलाएगा ज्वाइंट ऑप्रेशन
चाइनीज डोर के खिलाफ हर वर्ष सख्त अभियान चलाया जाता है और लोगों से अपील की जाती है कि वे चाइनीज डोर की बिक्री न करें और चाइनीज डोर का प्रयोग भी न करें लेकिन हर वर्ष लोग प्रशासन को सख्ती करने के लिए मजबूर करते हैं। स्कूलों, कालेजों की प्रार्थना सभाओं के जरिए बच्चोंं को इस डोर का प्रयोग न करने की अपील की जा रही है लेकिन फिर भी लोग इस डोर का प्रयोग कर रहे हैं, इसलिए प्रशासन अब चाइनीज डोर से पतंग उड़ाने वालों पर भी उसी प्रकार से कानूनी कार्रवाई करेगा, जैसा चाइनीज डोर की बिक्री करने वालों पर की जा रही है। जल्द ही सिविल व पुलिस अधिकारियों का फ्लाइंग स्क्वायड बनाकर ज्वाइंट ऑप्रेशन चलाया जाएगा।

बिक्री करने वालों के साथ-साथ प्रयोग करने वालों पर भी दर्ज किए जाएं पर्चे 
चाइनीज डोर के खिलाफ जिला प्रशासन व पुलिस ने इतनी सख्त कार्रवाई की कि समूह पुलिस थानों सहित सी.आई.ए. स्टॉफ व प्रशासन के फ्लाइंग स्क्वॉयड ने डी.सी. व पुलिस कमिश्नर के आदेशानुसार उल्लंघन पर धारा 188 के साथ-साथ धारा 420 के तहत भी पर्चे दर्ज किए लेकिन बावजूद इसके कुछ लोग चाइनीज डोर की बिक्री करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मांग हो रही है कि चाइनीज डोर की बिक्री करने वालों के साथ-साथ इसका प्रयोग करने वालों पर भी पर्चे दर्ज किए जाएं क्योंकि इस डोर का प्रयोग करने वाला भी उतना ही जिम्मेदार है जितना इस डोर को बेचने वाला जिम्मेदार है।

प्रशासन सभी प्राइवेट स्कूलों व सरकारी स्कूलों में भी चाइनीज डोर के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाता है लेकिन देखने में आया कि कुछ स्कूली बज्जे भी चाइनीज डोर का प्रयोग करते हैं। उनके माता-पिता अपने बज्जोंं को चाइनीज डोर का प्रयोग करने से नहीं रोकते हैं बल्कि खुद अपने बज्जोंं को इस जानलेवा डोर को खरीदकर देते हैं फिलहाल इस डोर की मैन्यूफैक्चरिंग को बंद करने के आदेश से यह माना जा सकता है कि इस डोर की बिक्री व प्रयोग जल्द बंद हो जाएगा। 

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