Edited By Sonia Goswami,Updated: 26 Apr, 2018 12:37 PM
सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने पुराने लोकपाल एक्ट को निरस्त कर उसकी जगह सशक्त लोकपाल एक्ट लाने की तैयारी शुरू कर दी है।
चंडीगढ़ः सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने पुराने लोकपाल एक्ट को निरस्त कर उसकी जगह सशक्त लोकपाल एक्ट लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस कानून की खासियत यह होगी कि इसमें मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी शामिल किया जाएगा। उन पर भी भ्रष्टाचार के मामलों में केस चलाए जा सकेंगे। इससे पहले केवल अधिकारियों व कर्मचारियों को ही इसके अधीन लिया गया था।
केवल सरकार का दावा है कि नया लोकपाल पहले की अपेक्षा ज्यादा सशक्त होगा। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि लोकपाल के पास जांच के लिए क्या-क्या शक्तियां होंगी। जांच विंग को पुलिस से हटाकर लोकपाल के अधीन किया जाएगा? या फिर जांच के लिए लोकपाल पूरी तरह से राज्य पुलिस पर ही निर्भर करेगा। विजिलेंस विभाग ने इस संबंध में कई बैठकें कर फाइल मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री को भेज दी है। मंजूरी के बाद कैबिनेट की स्वीकृति ली जाएगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय का कहना है कि अभी उन्हें फाइल नहीं मिली है, लेकिन सरकार इसमें बदलाव करने जा रही है। सूत्रों का कहना है कि नया लोकपाल एक्ट केंद्रीय लोकपाल की ही नकल है। संभावना है कि अगले विधानसभा सत्र में इसे बिल में रूप में पास करवा लिया जाएगा।