फूड सप्लाई विभाग व डिपो होल्डर की लड़ाई में पिस रही आम जनता

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Sep, 2017 10:59 AM

the food supply department and depot holder dispute

फूड सप्लाई विभाग आए दिन अपनी कार्यशैली से सुर्खियों में रह रहा है। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है जहां गरीबों से पैसे लेकर उन्हें गेहूं नहीं दी गई है। पिछले दिनों 600 बोरी सरकारी गेहूं का ट्राला जोकि एक निजी गोदाम में अनलोड हो रहा था, विभाग ने...

अमृतसर (राकेश): फूड सप्लाई विभाग आए दिन अपनी कार्यशैली से सुर्खियों में रह रहा है। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है जहां गरीबों से पैसे लेकर उन्हें गेहूं नहीं दी गई है। पिछले दिनों 600 बोरी सरकारी गेहूं का ट्राला जोकि एक निजी गोदाम में अनलोड हो रहा था, विभाग ने कार्रवाई करते हुए डिपो होल्डर सुमित्रा देवी पर अमानत में ख्यानत का केस दर्ज करवाकर अपनी पीठ थपथपा ली।

उधर डिपो होल्डर सुमित्रा देवी जोकि 70 वर्षीय बुजुर्ग है, जोकि सही ढंग से चल भी नहीं सकती, ने अपना पक्ष रखते हुए पुलिस कमिश्रर से अपील की कि वे बेकसूर हैं और उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है।

पुलिस कमिश्रर एस.एस. श्रीवास्तव ने तथ्यों को देखते हुए इसकी जांच पुलिस के उच्चाधिकारियों को सौंप दी, जोकि अभी ठंडे बस्ते में चली गई है लेकिन विभाग और डिपो होल्डर की लड़ाई में आम जनता पिस रही है, क्योंकि डिपो होल्डर सुमित्रा देवी के डिपो के नीले कार्ड धारकों से पैसे लेकर उन्हें पर्ची थमा दी गई है, जोकि नियमों के विरुद्ध है और उन्हें 40 दिन बीत जाने के बाद भी गेहूं नहीं दी गई। 

ज्ञात रहे कि गेहूं उठाने की आखिरी तिथि 30 सितम्बर है। अगर विभाग ने 30 सितम्बर तक गेहूं न उठाई तो सरकारी नियमों के अनुसार गेहूं लैप्स हो जाएगी। जबकि शेष रहते 5 दिनों में अष्टमी और दशहरा पर्व भी है। अगर गेहूं लैप्स हो गई और गरीबों को गेहूं न मिली तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। 

हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन
पिछली बार जब अक्तूबर 2016 से मार्च 2017 तक गेहूं का कोटा रिलीज किया था तो किन्हीं कारणों से गेहूं समय पर वितरित न करने के कारण गेहूं लैप्स हो गई थी और पैसे देने के बावजूद लोगों के हाथ पॢचयां ही रह गई थीं। उसका हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पर्ची काटने और सड़क पर गेहंू बांटने पर रोक लगा दी थी। फिर भी इस बार जो पर्चियां काटी हैं ये भी माननीय कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। 

हैरानीजनक पहलू
मामले में हैरानीजनक बात यह है कि इस 600 बोरी घोटाले में कुल 245 बोरियां तो निजी गोदाम में सील कर रखी थीं और बाकी बोरियां विभाग ने अपने कब्जे में ले ली थीं। विभाग के पास पड़ी बोरियां होने के बाद भी कार्ड धारकों को गेहंू क्यों नहीं बांटी जा रही है?

गरीबों पर दोहरी मार
ज्ञात रहे कि पिछली बार भी किन्हीं कारणों के तहत विभाग समय पर गेहंू वितरण नहीं कर पाया था और तकरीबन 40 प्रतिशत के लगभग नीले कार्ड धारकों को गेहंू से वंचित रहना पड़ा था। इसलिए जैसे-जैसे आखिरी तारीख पास आ रही है लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है। 

क्या कहते हैं नीले कार्ड धारक
वार्ड में सुमित्रा देवी के डिपो के नीले कार्ड धारकों ने बताया कि विभाग ने उनका मजाक बनाकर रख दिया है। पैसे लेने के बावजूद उन्हें गेहंू नहीं दी जा रही है। वे जब भी इंस्पैक्टर प्रभदीप सिंह से पूछते हैं तो वे उलटा कार्ड धारकों को काफी जलील करते हैं और कुछ भी संतोषजनक जवाब नहीं देते। जब गेहूं कब मिलेगी का प्रश्न किया जाता है तो उनका एक ही जवाब होता है कि जब गेहूं आएगी तब ही बांटी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। पिछली बार भी हमें गेहंू नहीं मिली क्योंकि गेहूं लैप्स हो गई थी। 

फूड इंस्पैक्टर से जानकारी ली जाएगी

ए.एफ.एस.ओ.ए.एफ.एस.ओ. संदीप सिंह ने संपर्क करने पर कहा कि उन्हें गेहंू बांटने संबंधी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। इस बारे में उक्त इलाके के फूड इंस्पैक्टर से जानकारी ली जाएगी। 

30 तक गेहूं कार्ड धारकों को दे दी जाएगी : बीरकरण
ज्वाइंट इंस्पैक्टर बीरकरण से संपर्क साधा तो उन्होंने कहा कि सुमित्रा देवी के डिपो की रहती सप्लाई किसी अन्य डिपो को अलाट करने का आवेदन विभाग के उच्चाधिकारी को दिया गया है। मामला मेरे ध्यान में है और 30 सितम्बर तक गेहूं कार्ड धारकों को दे दी जाएगी।   

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