केंद्रीय ऑर्डीनैंस पर सुखबीर बादल के बोलने से भड़का डैमोक्रेटिक अकाली दल

Edited By Vatika,Updated: 29 Aug, 2020 08:45 AM

the democratic akali dal agitated by sukhbir badal

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा केंद्र सरकार की तरफ से जारी किए गए 3 ऑर्डीनैंसों में कम से कम समर्थन मूल्य बारे लाइन डाल कर अपनी जीत का दावा किया गया है लेकिन केंद्रीय ऑर्डीनैंस पर सुखबीर बादल के बोलने से डैमोक्रेटिक अकाली दल...

पटियाला (बलजिन्द्र, राणा): शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा केंद्र सरकार की तरफ से जारी किए गए 3 ऑर्डीनैंसों में कम से कम समर्थन मूल्य बारे लाइन डाल कर अपनी जीत का दावा किया गया है लेकिन केंद्रीय ऑर्डीनैंस पर सुखबीर बादल के बोलने से डैमोक्रेटिक अकाली दल  भड़क गया है।  

इस मामले में अकाली दल डैमोक्रेटिक के सीनियर नेता और पंजाब विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर बीर दविंदर सिंह ने कहा कि यदि ऑर्डीनैंस का ज्ञान नहीं तो सुखबीर बादल चुप रहें। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल खुद उप-मुख्यमंत्री,सांसद और केंद्र में मंत्री भी रहे हैं और उनकी धर्मपत्नी  केंद्र में फूड प्रोसैसिंग मंत्री हैं। उनको यह पता नहीं कि ऑर्डीनैंस में कोई तबदीली नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि इस मामले में अकाली दल डैमोक्रेटिक की तरफ से परमिंदर सिंह ढींडसा ने वोटिंग मांगी थी परन्तु सरकार ने इस पर कोई उपयुक्त फैसला नहीं दिया। सुखबीर बादल ने ऑर्डीनैंस की कापियों को पढ़ा भी नहीं और बिना पढ़े ही अपनी धर्मपत्नी की कुर्सी बचाने के लिए सारा कुछ बोल दिया। अम्बानी, अडानी और अन्य कॉर्पोरेट घराने पंजाब में एक बड़ी साजिश के अंतर्गत पिछले समय दौरान बड़े-बड़े गोदाम बना रहे हैं और इनमें बादल परिवार की हिस्सेदारी के चर्चे हैं। उन्होंने कहा कि  सुखबीर बादल ऑर्डीनैंस को चिट्ठी ही बताई जा रहे हैं, शायद उनको इसके कानूनी महत्व बारे ज्ञान नहीं है। यह ऑर्डीनैंस किसानों की गर्दनों पर लटकती तलवार है, जिसके साथ पंजाब के किसानों का भविष्य कॉर्पोरेट घरानों के हाथ में चला जाएगा। बीर दविंदर ने कहा कि  सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि दूध उत्पादक, फल का कारोबार करने वाले भी इस ऑर्डीनैंस की चपेट में आएंगे।

पूर्व डिप्टी स्पीकर बीर दविंदर सिंह और पूर्व कैबिनेट मंत्री सेवा सिंह सेखवां ने कहा कि शिरोमणि कमेटी की निगरानी में से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के गायब हुए स्वरूपों पर शिरोमणि कमेटी की तरफ से सिर्फ कर्मचारी को जिम्मेदार ठहराना कहां तक जायज है, क्योंकि एक तरफ सुखबीर  बादल और शिरोमणि कमेटी के प्रधान गोबिंद सिंह लौंगोवाल गुरुद्वारा अरदासपुरा साहिब कल्याण से चोरी हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप के मामले में मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहरा कर केस दर्ज करने की बात कह रहे हैं तो फिर सैंकड़ों स्वरूप गुम होने के मामलों में सुखबीर सिंह बादल और गोबिंद सिंह लौंगोवाल की जिम्मेदारी फिक्स करके उनके खिलाफ भी केस दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि गुम हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूपों में से किसी की भी बेअदबी होती है तो उसके लिए सुखबीर  बादल और लौंगोवाल जिम्मेदार होंगे। सिख कौम जवाब मांग रही है कि गायब हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूपों के लिए डा. रूप सिंह अपनी नैतिक जिम्मेदारी मान कर इस्तीफा दे सकते हैं तो फिर अकाली दल के प्रधान और शिरोमणि कमेटी के प्रधान इस्तीफा क्यों नहीं देते। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब को सिख कौम के अनेक लटकते मसलों को हल करने के लिए आगे आना चाहिए। इस मौके रणधीर सिंह रखड़ा, पूर्व डी.एस.पी. नाहर  सिंह, गुरसेवक हरपालपुर, सुखवंत सराउ भी उपस्थित थे। 

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