Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Oct, 2017 10:06 PM
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह की तरफ से सुच्चा सिंह लंगाह के विरुद्ध लिए गए....
अमृतसर(पुरी): श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह की तरफ से सुच्चा सिंह लंगाह के विरुद्ध लिए गए ऐतिहासिक फैसले की तुलना इतिहास के उस पन्ने के साथ की गई जिसमें तत्कालीन श्री अकाल तख्त साहब के जत्थेदार सिंह साहिबान अकाली फूला सिंह ने उस समय के महाराजा रणजीत सिंह को एक मामले में तलब कर कोड़े मारने की सख्त सुनाई थी।
स्वतंत्रता के बाद श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से समय-समय पर लिए गए अन्य फैसलों का हवाला देते आल इंडिया सिख स्टूडैंट्स फैडरेशन के प्रधान मनजीत सिंह भोमा ने संत बाबा मनमोहन सिंह बारन वाले, जत्थेबंदक सचिव सरबजीत सिंह सोहल, वर्किंग कमेटी मैंबर एडवोकेट जसबीर सिंह, फैडरेशन के मुख्य सलाहकार सरबजीत सिंह जम्मू, सलाहकार सतनाम सिंह, भाई जसबीर सिंह वेरका, एडवोकेट राजबीर सिंह जालंधर, फैडरेशन के सैक्रेटरी जनरल एडवोकेट अमरजीत सिंह पठानकोट, प्रो. सूबा सिंह, भाई सविन्द्र सिंह और भाई मेजर सिंह ने कहा कि सुच्चा सिंह लंगाह के मामले में सिंह साहिबान नेे एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है जो सदा ही सिख कौम को नैतिक, आदर्श, मर्यादा, सिद्धांतों और नियमों के साथ जोड़ कर रखेगा।