Edited By Vatika,Updated: 02 Sep, 2020 04:21 PM
आए दिन सरकार और प्रशासन द्वारा लड़की बचाओ का नारा लगाकर होका दिया जाता है
खेमकरण(सोनिया): आए दिन सरकार और प्रशासन द्वारा लड़की बचाओ का नारा लगाकर होका दिया जाता है, पर असल जिंदगी में जब लड़कियों के हक की बात आती है तो सरकार प्रशासन दम तोड़ जाता है। इसकी ताजा मिसाल एक बेवस बाप द्वारा लगाई गई गुहार से मिलती है।
एक मजबूर बाप विजय गोयंका ने बताया कि वह वृंदावन गार्डन अमृतसर का रहने वाला है। उसकी बेटी आंचल गोयंका का विवाह नितिन जैन पुत्र अशोक कुमार निवासी होशियारपुर के साथ 2017 मे हिन्दू रिती-रिवाजों के साथ हुआ था, परंतु विवाह के कुछ समय बाद ही ससुराल परिवार द्वारा उनकी बेटी आंचल को दहेज के लिए परेशान करना शुरू कर दिया गया और मार-पीट करके मायके घर भेज दिया गया, परंतु गण्यमान्य के कहने पर राजीनामा होने के बाद लड़की को वापस ससुराल घर भेज दिया गया, परंतु इसके बावजूद भी ससुराल परिवार के अत्याचार दिन-प्रतिदिन बढ़ते चले गए और लड़की की मार-पीट करके दहेज की खातिर घर से बाहर निकाल दिया गया। इसकी शिकायत अमृतसर पुलिस कमिश्नर को की गई और 2018 में केस दर्ज हुआ। इसके उपरांत मानयोग अदालत में केस चल रहा है।
क्या कहते हैं लीगल एडवाइजर एडवोकेट मानव आनंद
इस संबंध में एडवोकेट मानव आनंद ने बताया कि अगर ऐसे केस में कोई अफसर एक्शन लेने में देरी करता है तो उसके खिलाफ आई.पी.सी. की धारा-166ए के अधीन कार्रवाई की जा सकती है और कमीशन ऑफ पुलिस के साथ तफतीश अफसर को भी हाईकोर्ट की धारा-482 के अधीन हाईकोर्ट तलब कर सकती है ।