Edited By swetha,Updated: 24 Nov, 2018 04:18 PM
शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के प्रधान परमजीत सिंह सरना की तरफ से शुक्रवार को ननकाना साहिब में गुरु नानक देव जी के 549 वें प्रकाश पूर्व मौके सिखों के छठे तख्त की स्थापना को लेकर पेश प्रस्ताव पर विवाद शुरू हो गया है। इस लेकर अलग-अलग पंथक संगठनों और उनके...
अमृतसर:शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के प्रधान परमजीत सिंह सरना की तरफ से शुक्रवार को ननकाना साहिब में गुरु नानक देव जी के 549 वें प्रकाश पूर्व मौके सिखों के छठे तख्त की स्थापना को लेकर पेश प्रस्ताव पर विवाद शुरू हो गया है। इस लेकर अलग-अलग पंथक संगठनों और उनके धार्मिक नेताओं ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि यह सिख धर्म में संभव नहीं है, यदि ऐसा होता है तो विवाद बड़ सकता है।
इस संबंधी एस.जी.पी.सी. प्रधान गोबिन्द सिंह लौंगोवाल का कहना है कि सिख पंथ पहले ही राष्ट्रीय मसलों में उलझा हुआ है। जो परम्पराएं सिख धर्म में चली आ रही हैं। हमें उस पर ही कायम रहना चाहिए। इस मुद्दे पर टकसाली नेता हरनाम सिंह खालसा ने भी एतराज जताया है। उनके वक्ता प्रो. सरचन्द सिंह का कहना है कि सरना की यह कार्रवाई पंथ को मुश्किल में डालने जैसी है।
एस.जी.पी.सी के पूर्व प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बंडूगर ने भी प्रस्ताव को अर्थहीन बताया है। उनका कहना कि व्यक्ति ऐसी हरकते उस समय करता है, जब उसकी बुद्धि मारी जाता है। सरना के साथ ऐसा ही हुआ है। उनका कहना है कि किसी भी तख्त की स्थापना किसी व्यक्ति विशेष के कहने पर नहीं होती। इसके लिए पूरी कौम की मंजूरी होनी चाहिए। ननकाना साहिब पहले गुरु साहिब का जन्मस्थल है । उसका अपना महत्व है।
एस.जी.पी.सी. सदस्य एडवोकेट भगवंत सिंह का कहना है कि सरना हमेशा ही पंथ में दरार डालने की कोशिशों में लगे रहते हैं। वह हमेशा कांग्रेस की नीतियों पर चलते हैं। एस.जी.पी.सी. के पूर्व सदस्य और अकाल तख्त की फौज के प्रमुख जसविन्दर सिंह एडवोकेट ने भी सरना के इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। बाबा बलजीत सिंह दादूवाल का कहना है कि सिक्खी में पांच का बदल है। चाहे पांच प्यारे हो चाहे पांच प्रधान। गुरु जी ने यहां से ही हुक्मनामा सुनाया हो वहीं तख्त साहिब स्थापित हुआ है।