Edited By Anjna,Updated: 12 Apr, 2018 07:20 AM
रणजीत एवेन्यू स्थित सरकारी सैटेलाइट अस्पताल में जच्चा-बच्चा सुरक्षित नहीं है। अस्पताल में सुविधाओं की कमी के कारण आज एक गर्भवती की कोख में बच्चे की मौत हो गई है। आज हुई उक्त घटना ने साबित कर दिया है कि सैटेलाइट अस्पतालों में प्रसूती को लेकर उचित...
अमृतसर(दलजीत): रणजीत एवेन्यू स्थित सरकारी सैटेलाइट अस्पताल में जच्चा-बच्चा सुरक्षित नहीं है। अस्पताल में सुविधाओं की कमी के कारण आज एक गर्भवती की कोख में बच्चे की मौत हो गई है। आज हुई उक्त घटना ने साबित कर दिया है कि सैटेलाइट अस्पतालों में प्रसूती को लेकर उचित प्रबंध नहीं हैं। पीड़ित परिवार ने बताया किया है कि यदि उसके मरीज की तरफ समय पर उपयुक्त ध्यान दिया गया होता तो आज उनके घर का चिराग जीवित होता। जानकारी के अनुसार नई आबादी गली नंबर-2 की रहने वाली बलजिन्द्र कौर (24) 9 महीनों से अपनी कोख में पल रहे बच्चे की जांच सरकारी सैटेलाइट अस्पताल, रणजीत एवेन्यू में करवा रही थी।
प्रसूती का समय पूरा होने पर परिवारिक सदस्यों ने बलजिन्द्र कौर को उक्त अस्पताल में दाखिल करवाया गया। मरीज के पति रिंकू ने बताया कि शाम को प्रसव पीड़ा मरीज को शुरू हो गई और जो नर्स मौके पर बलजिन्द्र कौर का इलाज कर रही थी, वह बिना बताए अपने घर चली गई और नई ड्यूटी पर आई स्टाफ नर्स को मरीज की हालत बारे नहीं बता कर गई। नई आई स्टाफ नर्स ने मरीज की हालत को देखकर प्रसूती करने से मनाकर दिया और तुरंत बेबे नानकी अस्पताल में ले जाने के लिए कहा। रिंकू ने बताया कि जब वह बलजिन्द्र कौर को लेकर बेबे नानकी अस्पताल पहुंचे तो वहां तैनात डाक्टरों ने जांच करने पर पाया कि गर्भ में बच्चे की दिल की धड़कन ही मौजूद नहीं है। प्रसूती करने पर पता चला कि मरा हुआ बच्चा लड़का था। पीड़ित परिवार ने इंसाफ की मांग की है।
अल्ट्रासाऊंड टैस्ट करवाए गए बाहर से
आर.टी.आई. एक्टिविस्ट जय गोपाल लाली ने बताया कि सरकार की ओर से गर्भवती महिलाओं के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त अल्ट्रासाऊंड और टैस्ट करके दवाएं देने का ऐलान किया हुआ है, परन्तु इसके बावजूद उक्त महिलाओं के प्राइवेट अल्ट्रासाऊंड करवाए गए और इलाज के लिए दवाएं भी बाहर से मंगवाई गईं। सरकारी सैटेलाइट अस्पतालों में जच्चा-बच्चा सुरक्षित नहीं है। इससे पहले भी सुविधाओं की कमी और डाक्टरों की लापरवाही करने नवजात बच्चों की उक्त अस्पतालों में मौतें हुई हैं।