Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Aug, 2017 10:40 AM
पठानकोट के साथ पड़ते गांव रानीपुर की 6 माह से गर्भवती महिला की गत दिवस पठानकोट के अड्डा सरना में पड़ते एक निजी अस्पताल में गर्भपात दौरान मौत हो गई थी।
पठानकोट(कंवल): पठानकोट के साथ पड़ते गांव रानीपुर की 6 माह से गर्भवती महिला की गत दिवस पठानकोट के अड्डा सरना में पड़ते एक निजी अस्पताल में गर्भपात दौरान मौत हो गई थी। इसके उपरांत मृतका के घर वालों के प्रदर्शन करने पर पुलिस ने महिला के पति, ससुर व ननद पर मामला दर्ज कर लिया था। पति को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया था परन्तु इस बात की ओर किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया कि गर्भपात दौरान 2 लोगों का कत्ल हुआ ।
यह कत्ल किसी और ने नहीं किया बल्कि अस्पताल के उन कर्मचारियों की वजह से हुआ जिन्होंने महिला का गर्भपात किया था। उल्लेखनीय है कि भारतीय कानून अनुसार व सरकार की ओर से गर्भपात करवाना व गर्भपात करना दोनों ही जुर्म हैं जिसके तहत दोनों ही सजा के पात्र हैं, मगर इस केस में पुलिस ने गर्भपात करवाने वालों पर तो मामला दर्ज कर लिया परन्तु जो गर्भपात कर रहे थे अथवा जिनकी वजह से 2 कत्ल हुए हैं, उनकी ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
इस बात को लेकर क्षेत्र में चर्चा का बाजार गरमाया हुआ है क्योंकि जिस निजी अस्पताल में इस भ्रूण हत्या की घिनौनी कार्रवाई की गई, वहां इस घटना को अंजाम देने वाले अमले पर कोई कानूनी कार्रवाई न होने पर लोगों में हैरानी के साथ-साथ प्रशासन के प्रति रोष भी है।
यहां यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि इससे पहले भी उक्त निजी अस्पताल में कई केस खराब हो चुके हैं। यह बात भी बेहद चर्चा का विषय बनी हुई है कि उक्त अस्पताल में डिग्री प्राप्त डाक्टर के अलावा वो भी खुद को डाक्टर कहलाते हैं जो डाक्टरी के नाम का ‘क-ख-ग’ भी नहीं जानते।
इनमें से एक किसी स्कैनिंग करने वाले पठानकोट के अस्पताल में पर्ची काटता था, दूसरा किसी निजी अस्पताल में पी.आर.ओ. था व तीसरा पठानकोट के ही एक निजी अस्पताल में किसी डाक्टर के साथ ऑप्रेशन थियेटर में सहायक था। लोगों का कहना है कि अगर ऐसे लोग अपनी चांदी कू टने के चक्कर में लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ करते रहे तो फिर क्या फायदा है सरकार को ऐसे कानून बनाने का?
सरकार व पुलिस को भी चाहिए कि ऐसे डाक्टरों पर भी कार्रवाई की जाए जिनकी वजह से 2 लोगों की जान गई हैं। लोगों का कहना है कि अगर मान भी लिया जाए कि उक्त महिला की हालत पहले ही खराब थी तो क्या इन डाक्टरों ने पहले इसकी स्कैङ्क्षनग करवाई थी या फिर अपने किसी उच्च अधिकारी को इस बारे सूचित किया था। परन्तु ऐसा कुछ नहीं हुआ और मात्र थोड़े से पैसों के लिए एक महिला व उसके पेट में पल रहे नवजात शिशु की जान चली गई। दूसरी ओर न तो इन डाक्टरों ने किसी अधिकारी को यह बताया कि इस महिला के परिवार वाले उनके पास गर्भपात करवाने आए थे, यदि बताया होता तो शायद ये 2 कीमती जानें बच जातीं।