Edited By Sunita sarangal,Updated: 12 Jan, 2020 09:26 AM
विधानसभा सैशन में समझौते रद्द करने के लिए प्रस्ताव लाएगी ‘आप’
चंडीगढ़(शर्मा): बिजली की महंगी दरों क मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (आप) ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को खुली बहस की चुनौती देते दावा किया कि यदि मुख्यमंत्री ईमानदारी के साथ समझना चाहें तो सिर्फ आधे घंटे में बता देंगे कि निजी थर्मल प्लांटों के साथ किए घातक समझौते 5 मिनट में कैसे रद्द हो जाएंगे। इसके साथ ही ‘आप’ ने आगामी विधानसभा में बिजली खरीद समझौते (पी.पी.एज.) रद्द करने के लिए प्राइवेट मैंबर बिल के समर्थन की कांग्रेस समेत सभी गुटों से अपील की है, जिससे पंजाब के लोगों की ‘बिजली माफिया’ हाथों हो रही अंधी लूट रोकी जा सके।
प्रैस कांफ्रैंस में सीनियर नेता और विधायक अमन अरोड़ा, कुलतार सिंह संधवां, मीत हेयर और जै किशन सिंह रोड़ी ने कहा कि बादलों के राज में किए गए समझौते (पी.पी.एज.) बहुत बड़ा घोटाला है। अकाली-भाजपा सरकार में पहले सुखबीर बादल तीनों प्राइवेट थर्मल प्लांटों के साथ मोटे कमीशन लेते थे, अब कैप्टन अमरेंद्र सिंह ले रहे हैं। यही कारण है कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने वायदा करके भी 3 सालों में न तो लुटेरा समझौतों को रद्द किया और न ही समीक्षा की।
अमन अरोड़ा ने कैप्टन अमरेंद्र सिंह को खुली बहस की चुनौती दी और दावा किया कि निजी बिजली कंपनियां 5 मिनटों में सरकार के पैरों में बैठ कर गिड़गिड़ाएंगी, ‘समझौते रद्द न करो वह सभी घातक शर्तों को हटाकर बिजली सस्ती कर दो।’ उन्होंने कहा कि यदि कैप्टन अमरेंद्र सिंह पिछली सरकार के दौरान पानी के समझौता और इस सरकार में 2100 सेवा केंद्र चलाने के सालाना 220 करोड़ लेने वाली बी.एस.एल. कंपनी के साथ किए समझौता रद्द कर सकती है तो बिजली कंपनी के पी.पी.एज. क्यों नहीं रद्द हो सकते?
अमन अरोड़ा ने समझौते की लूट से ओर पर्दा उठाते बताया कि चीनी कंपनी सैपको ने बराबर के बजट और एक ही तकनीक के साथ तलवंडी साबो और गुजरात में शासन थर्मल प्लांट लगाए। शासन को सिर्फ 17 पैसे फिक्सड चार्ज देता है और तलवंडी साबो को 8 गुणा अधिक 1 रुपए 42 पैसे प्रति यूनिट भुगतान करता है, यही कारण है कि आज पंजाब के खप्तकार को कई गुणा ज्यादा 9 रुपए प्रति यूनिट से अधिक मूल्य पर बिजली खरीदनी पड़ रही है। अमन अरोड़ा ने यही राजपुरा और गुजरात के मुद्रा पोर्ट थर्मल प्लांटों की तुलना करके साबित किया कि समझौतों में मोटा कमीशन खाया गया और खाया जा रहा है। उन्होंने गोइंदवाल थर्मल प्लांट के समझौतो में भी बड़ा फर्जीवाड़ा बताया कि सुपर तकनीक की जगह सब स्टैंडर्ड तकनीक वाला यह थर्मल प्लांट मुकाबलेबाजी वाली बोली की जगह मनमानियां और घातक शर्तों वाले एम.ओ.यू (समझौते) के अंतर्गत लगा है, जिस का समझौता सिर्फ 5 मिनटों में रद्द हो सकता है, परंतु यदि कैप्टन अमरेंद्र सिंह चाहें तो।
सभी गुटों के विधायकों की परख की घड़ी होगी
अमन अरोड़ा ने कहा कि आगामी सैशन में बिजली समझौते रद्द करने के लिए एक प्रस्ताव ला रहे हैं, यह मुख्यमंत्री, मंत्री और कांग्रेसियों समेत सभी गुटों के विधायकों की परख की घड़ी होगा, कि वह लोगों के हक में यह प्रस्ताव पास करवाते हैं या फिर बिजली माफिया के हित में खड़े हो कर इसका विरोध करते हैं। इस मौके पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग, दिनेश चड्ढा, कुलजिंदर सिंह ढींडसा, इकबाल सिंह और स्टेट मीडिया हैड मनजीत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे।