Edited By swetha,Updated: 02 Jan, 2019 09:56 AM
चाहे पिछले 10 वर्षों से विभागीय नियमों अनुसार पंजाब स्तर की मैरिट व टैट के आधार पर भर्ती हुए एस.एस.ए./रमसा अध्यापकों की नव वर्ष पर पिछले 7 महीनों से जेबें खाली हैं।
बरनाला(विवेक सिंधवानी,गोयल): चाहे पिछले 10 वर्षों से विभागीय नियमों अनुसार पंजाब स्तर की मैरिट व टैट के आधार पर भर्ती हुए एस.एस.ए./रमसा अध्यापकों की नव वर्ष पर पिछले 7 महीनों से जेबें खाली हैं।
फिर भी पूरे वेतन पर रैगुलर होने के लिए नव वर्ष के पहले ही दिन अध्यापक फिर एक नई उम्मीद व तैयारी के साथ संघर्ष के मैदान में डट गए हैं जिसके तहत नए वर्ष की शुरूआत पर अध्यापकों ने ड्यूटी समय काले बिल्ले लगाकर रोष व्यक्त कर पंजाब सरकार विरुद्ध नारेबाजी की । इसके साथ ही 6 जनवरी को सांझे अध्यापक मोर्चे के नेतृत्व में जालंधर में होने जा रही राज्य स्तरीय कन्वैंशन में शामिल होकर संघर्ष जारी रखने का फैसला लिया। निर्मल सिंह व सुखदीप तपा ने कहा कि आज पूरी दुनिया नव वर्ष की खुशी में जशन मना रही है वहीं पंजाब सरकार की बुरी नीति कारण एस.एस.ए./रमसा अध्यापक पिछले 7 महीनों से बिना वेतन से स्कूलों में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।
इस मौके नवजोत कौर व सुखविंद्र कौर ने कहा कि 3 अक्तूबर को पंजाब कैबिनेट ने 10-10 वर्ष से सरकारी स्कूलों में काम कर रहे एस.एस.ए./ रमसा अध्यापकों के मौजूदा वेतन पर कैंची चलाते 75 प्रतिशत कटौती करने का फैसला लिया व इस बुरे फैसले को धक्के से लागू करने के लिए सरकार द्वारा निरंतर अध्यापकों पर जबर किया जा रहा है। जिस कारण नव वर्ष पर बधाई की जगह अध्यापकों ने पंजाब सरकार मुर्दाबाद के नारों से नव वर्ष की शुरूआत की है। अंत में अध्यापक नेताओं ने अध्यापकों को 6 जनवरी को कन्वैंशन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।