Edited By Vaneet,Updated: 08 Oct, 2018 09:59 PM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के शहर में अध्यापकों ने मांगों की प्राप्ति को लेकर पक्के डेरे लगाए हुए हैं। उनका मरणव्रत आज दूसरे दिन भी जारी रहा है। इस मौके पर .,..
पटियाला(जोसन): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के शहर में अध्यापकों ने मांगों की प्राप्ति को लेकर पक्के डेरे लगाए हुए हैं। उनका मरणव्रत आज दूसरे दिन भी जारी रहा है। इस मौके पर अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उधर, उनका समर्थन करने के लिए विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा और सांसद भगवंत मान धरना स्थल पर पहुंचे तो अध्यापक नेताओं ने उनका विरोध जताना शुरू कर दिया, जिस कारण भगवंत मान और हरपाल चीमा को वापस जाना पड़ा।
इस मौके पर अध्यापक नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा धरने में दिए समर्थन का वे स्वागत करते हैं, परन्तु मुद्दों को लेकर वे सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लडऩे का दम रखते हैं। अध्यापक नेताओं ने कहा कि वे मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं होने देना चाहते, जिस कारण उन्होंने भगवंत मान और हरपाल चीमा को धरने में नहीं बैठने दिया।
अध्यापक नेताओं ने कहा कि ‘आप’ को उनके साथ हमदर्दी है तो वह अपने स्तर पर पंजाब के राज्यपाल और सरकार के साथ सीधी टक्कर लेकर जवाब मांगे। धरने में बड़ी संख्या में अध्यापक शामिल हुए। मरणव्रत पर बैठे अध्यापक नेताओं ने घोषणा की कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक मरणव्रत जारी रहेगा। बीते दिन से गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब चौक में अध्यापकों ने सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के नेतृत्व में प्रांतीय प्रदर्शन करके कच्चे, ठेका आधारित और रैगुलर अध्यापकों की अलग-अलग मांगें पूरी होने तक पक्का मोर्चा और मरणव्रत शुरू कर दिया है।
इस मौके पर सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के नेताओं ने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से एस.एस.ए, रमसा, आदर्श और मॉडल स्कूलों के अध्यापकों को पूरे ग्रेड में पक्के करने की बजाय वेतन में 65 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक कटौती करके अध्यापकों की बर्बादी पर मोहर लगाने का बहुत बुरा फैसला किया है।