Edited By Vatika,Updated: 08 Oct, 2018 09:35 AM
राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और विरोधी पक्ष अकाली दल की लोक मुद्दों से ध्यान हटाने वाली रैलियों की राजनीति को पूरी तरह नकारते हजारों अध्यापकों ने सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के नेतृत्व में प्रदर्शन करके कच्चे, ठेका आधारित और रैगुलर अध्यापकों...
पटियाला(जोसन, बलजिन्द्र, स.ह.): राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और विरोधी पक्ष अकाली दल की लोक मुद्दों से ध्यान हटाने वाली रैलियों की राजनीति को पूरी तरह नकारते हजारों अध्यापकों ने सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के नेतृत्व में प्रदर्शन करके कच्चे, ठेका आधारित और रैगुलर अध्यापकों की अलग-अलग मांगें पूरी होने तक और सरकार की शिक्षा के निजीकरण समर्थकीय नीतियों को बदलने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के शहर में पक्का मोर्चा लगाकर मरणव्रत शुरू कर दिया है।
शहर की मिनी सचिवालय सड़क के नजदीक हुए इस विशाल प्रदर्शन को संबोधित करते सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के प्रांतीय कन्वीनरों बलकार सिंह वलटोहा, दविन्द्र सिंह पूनिया, सुखविन्द्र सिंह चाहल, हरजीत सिंह बसोता ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा एस.एस.ए., रमसा, आदर्श और माडल स्कूलों के अध्यापकों को पूरे ग्रेड में पक्के करने की बजाय वेतनों में 65 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक कटौती करके अध्यापकों को बर्बाद करने पर मुहर लगाने का बहुत बुरा फैसला किया है।
मरणव्रत पर बैठने वाले 11 अध्यापकों में हरजीत सिंह जीता, रमेश मक्कड़, तरनजोत शर्मा, सतनाम सिंह, दलजीत सिंह खालसा, शमिन्द्र रोपड़, जसवंत सिंह डोहक, जसविन्द्र बठिंडा, प्रभदीप सिंह, बचित्तर सिंह और बलविन्द्र सिंह शामिल रहे।