जाखड़ नारे लगाने के वजाय यह बताएं कि शराब माफिया ने पंजाब को कैसे लूटा: चुघ

Edited By Mohit,Updated: 28 May, 2020 09:39 PM

tarun chugh speak on sunil jakhar

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सचिव तरूण चुघ ने पंजाब में सतारूढ़ कांग्रेस.............

चंडीगढ़ः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सचिव तरूण चुघ ने पंजाब में सतारूढ़ कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के आहवान पर मजदूरों के नाम पर तीन घंटे के सोशल मीडिया किए गए विरोध प्रदशनों को कोरोना महामारी के दौरान राज्य की कैप्टन सरकार में हुए लगभग 2600 करोड़ रूपए के शराब घोटाले से जनता का ध्यान हटाने का असफल प्रयास बताया है। चुघ ने आज यहां जारी एक बयान में जाखड़ को नसीहत दी कि वह नारे लगा कर इधर उधर की बात न करें बल्कि यह बताएं की शराब से पंजाब को कैसे लूटा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों मनप्रीत बादल , चरणजीत सिंह चन्नी, सांसद प्रताप बाजवा, पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग और दर्जनों विधायकों ने शराब की अवैध बिक्री में हुए लगभग 2600 करोड़ रूपए के घोटाले के आरोप अपनी ही सरकार पर लगाए हैं। 

उन्होंने कहा कि 15 दिनों की मान-मनौवल के बाद इस शराब घोटाले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में कराने के वजाय मंत्रियों ने अब चुप्पी साध कर पंजाब की जनता से क्रूर मजाक किया है। उन्होंने सवाल किया कि शराब घोटाले में मंत्रियों द्वारा सरकार को माफ कर देने का मतलब समझौता और बंटवारा है। इस माफी में पंजाब को क्या मिला राज्य की जनता जानना चाहती है। भाजपा नेता ने कहा कि कोरोना महामारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने पंजाब को 70,725 टन मुफ्त अनाज गरीबों को बांटने के लिए गत अप्रैल माह में भेजा था लेकिन दुर्भाग्य है अभी तक कैप्टन अमरेन्द्र  सिंह की सरकार ने केवल 20-25 प्रतिशत अनाज ही बांटा है। 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब को जीएसटी क्षतिपूर्ति और बकाया के रूप में 2366 करोड़ समेत 3445 करोड़ रूपए तथा आपदा समेत अन्य विभिन्न मदों में लगभग 950 करोड़ रूपए दिए हैं। यह पैसा केंद्र सरकार ने प्रदेश को लोगों के कल्याण हेतु दिया था। अब सरकार को बताना चाहिए कि इसमें कितना खर्च किया गया। इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत प्रदेश के 1752498 किसानों के खाते में पैसे आए हैं और प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 16 लाख महिला जनधन खातों में 500 रूपए के हिसाब से तीन महीनों के लिए 1500 रूपए आए हैं तथा 318000 मजदूरों के बैंक खातों में सीधे पैसा आया है। ऐसे में प्रदेश सरकार को बताना चाहिए कि कितने पैसे उसने किसी पंजाब में महामारी में जनता को दिए। 

चुघ ने कहा कि राज्य सरकार गरीबों और जरूरतमंदों मुफ्त में भेजा गया राशन तक नहीं बांट सकी और उसके मंत्री और विधायक हर रोज बयानबाजी कर कोरोना महामारी के दौरान भी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं7 उन्होंने राज्य की कैप्टन सरकार से मांग की कि वह 65 दिन के लॉकडाउन के कारण बंद दुकानों, उद्योगों, होटलों और रेस्त्रां को बिजली के फिक्सड बिल में छूट दे। इसके अलावा वह राज्य के सभी थ्रीव्हीलरों, टैक्सियों, छोटे हलवाईयों, दुकानदारों, नाईयों, धोबियों, जूते बनाने वालों, राज मिस्त्री और मजदूरों, स्कूटर और कार मैकेनिकों, दर्जियों, भठ्ठा मजदूरों, दुकानों में काम करने वाले लोगों, रेहड़ी, पटरी और छाबड़ी धारकों को 2000 रूपये के हिसाब से मार्च, अप्रैल, मई और जून माह के पैसे उनके बैंक खातों में डाल कर स्टेट पैकेज की घोषणा करे।

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