Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Feb, 2018 08:56 AM
शहर में संदिग्ध पाकिस्तानी जासूस को गिरफ्तार किया गया है।
बठिंडा (बलविंद्र): पाकिस्तानी सीमा के नजदीक अतिसंवेदनशील एयरफोर्स स्टेशन बठिंडा में 25 वर्षीय एक नौजवान दीवार फांदकर दाखिल हो गया, जिसको गिरफ्तार कर लिया गया जिस पर पाकिस्तानी जासूस होने का शक है, जोकि पागल होने का ड्रामा कर रहा है। सच-झूठ का पता पुलिस जांच के बाद ही चलेगा, लेकिन फिलहाल उक्त नौजवान को जासूस ही माना जा रहा है।
एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा में इतनी बड़ी कमी होना ङ्क्षचता की बात है क्योंकि अगर उक्त व्यक्ति के पास कोई विस्फोटक पदार्थ होता तो वह बड़ी घटना को अंजाम दे सकता था।
एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा में भारी कमियां
गौर हो कि अतिसंवेदनशील एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा में भारी कमियां नजर आई हैं क्योंकि इन कमियों के कारण ही यहां कई घटनाएं घट चुकी हैं जो हर बार यहां के घटिया सुरक्षा प्रबंधों की तरफ इशारा करती हैं।
जैसे कि इस नए मामले में आरोपी का कद व वजन देखकर नहीं लगता कि वह 10 फुट ऊंची दीवार चढ़ सकता है। वैसे भी आम व्यक्ति के लिए 10 फुट ऊंची दीवार चढऩा बहुत मुश्किल है। फिर भी एक दुबला-पतला नौजवान एयरफोर्स स्टेशन की 10 फुट ऊंची दीवार फांदकर अंदर चला गया। इतनी ऊंची दीवार प्रशिक्षण प्राप्त एक व्यक्ति ही फांद सकता है परन्तु उक्त नौजवान जो खुद को पागल बता रहा है, दीवार फांद गया। पुलिस को शक था कि दीवार फांदने के लिए उसकी किसी ने मदद की होगी, इसलिए आरोपी को दोबारा उसी जगह लेजाया गया, जहां से यह पहले गुजरा था। आरोपी फिर पैर व घुटने अटकाता हुआ आसानी से दोबारा दीवार फांद गया। क्या यह उसकी सिखलाई नहीं? फिर इस नौजवान को जासूस क्यों न माना जाए?
इससे पहले 28 दिसम्बर 2015 को यहां का एक लीङ्क्षडग एयरक्राफ्ट मैन रणजीत सिंह निवासी केरल भी पाकिस्तानी जासूसी के आरोपों के तहत पकड़ा गया था। जो यहां रहकर पाक की खुफिया एजैंसी को अहम जानकारियां दे रहा था।
इसी तरह 9 फरवरी 2017 को एयरफोर्स स्टेशन के अंदर ही एक मुलाजिम विपिन शुक्ला का कत्ल हो गया जिसको एक अन्य मुलाजिम ने मारकर उसकी लाश के टुकड़े अपने फ्रिज में संभाल कर रखे। पुलिस व एयरफोर्स को 10 दिनों तक इसका पता नहीं चला कि मुलाजिम कहां गया। अगर मुलाजिम के क्वार्टर से बदबू न आती तो शायद एयरफोर्स टीम या पुलिस उसका पता ही न लगा पाती। अब ताजा यह घटना घटी है। इससे अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि एयरफोर्स स्टेशन में कितने बड़े स्तर पर सुरक्षा कमियां हैं। अधिकारियों से संपर्क करना चाहा तो फोन ऑप्रेटर ने सुरक्षा के मद्देनजर ‘रांग नंबर’ कह कर फोन काट दिया।
भाई ने बताया कि 3 महीने से गायब था रमेश
रमेश के पकड़े जाने के बाद एयरफोर्स टीम ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपने परिवार बारे भी बता दिया। सूचना मिलने पर उक्त का भाई एयरफोर्स स्टेशन बठिंडा पहुंचा जिसने बताया कि कुछ समय पहले उनके पिता की मौत हो गई थी जबकि मां भी मानसिक रोगी है। रमेश भी मानसिक रोगी है, जो पिछले करीब 3 महीनों से गायब था, अब बठिंडा में मिला है।
क्या है मामला
एयरफोर्स स्टेशन बठिंडा व सिविल एयरपोर्ट विर्क कलां की दीवारें आपस में मिलती हैं जिनकी ऊंचाई सिर्फ 10 फुट है और इनको कोई भी आसानी से फांद सकता है। दीवार के ऊपर किसी भी तरह की रुकावट नहीं है। 2 या 3 दिन पहले एक 25 वर्षीय नौजवान दीवार फांदकर एयरफोर्स स्टेशन में दाखिल हो गया। एयरफोर्स स्टेशन के सुरक्षा कर्मियों ने उक्त को गिरफ्तार कर लिया जिसकी तलाशी ली गई लेकिन उसके पास कोई असला या विस्फोटक बरामद नहीं हुआ। उसकी पहचान रमेश पुत्र रोताश निवासी बडोली (उत्तर प्रदेश) के तौर पर हुई है। भले उक्त नौजवान से कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली लेकिन फिर भी एयरफोर्स टीम ने सख्ती से पूछताछ की। मौके पर पहुंची पुलिस चौकी बल्लूआणा की पुलिस ने उक्त को अपनी हिरासत में लिया। हवलदार मंगू सिंह की शिकायत पर रमेश के खिलाफ इंडियन ऑफ आफीशियल सीक्रेट एक्ट 1923 के अधीन मामला नंबर 19 थाना सदर में दर्ज किया गया है।
पुलिस फिलहाल इसको पागल ही मान रही है
एस.एस.पी. नवीन सिंगला ने बताया कि रमेश को नामजद करने के बाद अदालत में पेश कर 2 दिनों का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है। उक्त से सख्ती से पूछताछ की जा रही है। मौजूदा हालात मुताबिक उक्त की दिमागी हालत ठीक नहीं है। उसका व उसके परिवार का पुराना सारा रिकार्ड खंगालने के अलावा उसके पिछले 3 महीनों की जानकारी आदि की गहराई से जांच की जाएगी। चूंकि मामला एयरफोर्स स्टेशन का है। इसलिए इसको गंभीरता से ही लिया जा रहा है।