Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 05:09 PM
पंजाब की पावन भूमि पर समय-समय पर आए पीर-पैगम्बरों, ऋषियों-मुनियों ने अहिंसा परमों धर्म का संदेश दिया है।
फाजिल्का (नागपाल): पंजाब की पावन भूमि पर समय-समय पर आए पीर-पैगम्बरों, ऋषियों-मुनियों ने अहिंसा परमों धर्म का संदेश दिया है। इतिहास गवाह है कि जीवों की रक्षा के लिए इस पावन भूमि के लोगों ने अपनी जान कुर्बान की है। लेकिन अफसोस की बात है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने महापुरुषों के संदेश को दरकिनार कर जीवों की हत्या करने की नीति कायम कर दी है।
उक्त विचार व्यक्त करते हुए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी ने कहा कि फसलों की सुरक्षा के नाम पर नील गाय व अन्य जीवों की हत्या के लिए इजाजत देना कांग्रेस की हिंसक प्रवृत्ति को उजागर करता है। सीमावर्ती जिले फाजिल्का में बिश्नोई समाज द्वारा वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए हमेशा अपनी जान की बाजी लगाई है।
कांग्रेस का वन्य प्राणियों को खत्म करने की इजाजत देना न सिर्फ बिश्नोई समाज के लिए बल्कि वन्य प्राणियों से स्नेह करने वाले अहिंसा वादी लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ है। यदि कांग्रेस सरकार ने अपना फरमान वापस न लिया तो इसके बुरे परिणाम पंजाब की कांगे्रस सरकार को भुगतने पड़ सकते हैं। किसी भी सूरत में निर्दोष व मूक वन्य प्राणियों की हत्या की इजाजत नहीं दी जाएगी।