Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Aug, 2017 01:23 AM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नजदीकी विश्वास पात्र अधिकारी और चीफ प्रिंसिपल सैक्रेटरी....
चंडीगढ़(पराशर): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नजदीकी विश्वास पात्र अधिकारी और चीफ प्रिंसिपल सैक्रेटरी सुरेश कुमार की नियुक्ति को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में दी गई चुनौती सरकार के लिए नई सिरदर्दी बन गई है।
सुरेश कुमार की नियुक्ति को बुधवार को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और उसी दिन शाम को उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी। सूत्रों से पता चला है कि सुरेश कुमार ने अपने पत्र में कहा कि यदि उनकी नियुक्ति का बचाव करने का दायित्व केवल उन्हीं पर ही है तो इस पत्र को उनका इस्तीफा समझा जाए लेकिन मुख्यमंत्री ने इस केस में सुरेश कुमार की पैरवी के लिए पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा की ड्यूटी लगाई है। 1983 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी सुरेश कुमार पिछले वर्ष अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुए थे।
नहीं आए दफ्तर
सूत्रों का कहना है कि बुधवार को उनकी नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दिए जाने की खबर मिलने के तुरंत बाद वह सिविल सैक्रेटरिएट में अपने कार्यालय से चले गए। वीरवार को भी वह दफ्तर नहीं आए।
कई आई.ए.एस. अधिकारियों में नाराजगी
सुरेश कुमार को केंद्र के कैबिनेट सैक्रेटरी का दर्जा दिया गया है। इससे वह राज्य प्रशासन में मुख्य सचिव से भी ऊपर हैं। इससे पंजाब के कई आई.ए.एस. अधिकारियों में नाराजगी पाई जा रही है। उधर पंजाब कांग्रेस के कई विधायक भी प्रशासन पर सुरेश कुमार की पकड़ को लेकर परेशान बताए जा रहे हैं। उनकी शिकायत है कि उनकी सिफारिश पर न तो कोई बदलियां हो रही हैं और न ही नियुक्तियां।
मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद लिया बैठक में भाग
मुख्यमंत्री ने सुरेश कुमार को शुक्रवार को बुलाया और उनसे बातचीत की। इसके बाद उन्होंने पंजाब सैक्रेटरिएट में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भाग लिया। राजनीतिक हलकों में सुरेश कुमार की नियुक्ति को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती को एक बड़े षड्यंत्र के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।