Edited By Updated: 10 Feb, 2017 10:59 AM
पंजाब कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व पार्टी प्रवक्ता सुनील जाखड़ ने अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में रिजर्व बैंक
जालंधर/अबोहर (धवन, भारद्वाज): पंजाब कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व पार्टी प्रवक्ता सुनील जाखड़ ने अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के बाद सामने आए 31000 करोड़ के खाद्यान्न घोटाले की जांच को दबाने में केन्द्र सरकार को बराबर का भागीदार बताते हुए कहा कि इस मामले में नई सरकार के गठन तक केन्द्र सरकार को प्रदेश सरकार के किसी भी कदम को मंजूरी प्रदान नहीं करनी चाहिए। सबसे पहले इस घोटाले में शामिल लोगों को बेनकाब करना जरूरी हो गया है। जाखड़ ने कहा कि जहां एक तरफ केन्द्र सरकार पंजाब से खाद्यान्न खरीद के बदले पंजाब सरकार को जारी की गई सी.सी. लिमिट के बकाया 31000 करोड़ रुपए पंजाब से मांग रही थी, वहीं सितम्बर 2016 राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों यह रट लगाते रहे कि पंजाब सरकार ने केन्द्र से 27000 करोड़ की वसूली खाद्यान्न की खरीद के बदले में करनी है, लेकिन आर.बी.आई. द्वारा पंजाब की अकाली सरकार द्वारा किए घोटाले की पोल खोलने तथा उसे धान खरीद के बदले पैसा देने से इंकार करने के बाद उन्होंने इस मामले में चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार घोटाले को कर्ज में तबदील करने की सहमति देकर पहले ही अपराध की भागीदार बन चुकी है।अब पता चला है कि 3250 करोड़ रुपए प्रति वर्ष 2 किस्तों में अदा करने के लिए पंजाब सरकार ने सितम्बर में बांड जारी करने का फैसला लिया था, लेकिन इसकी स्वीकृति केन्द्र सरकार से प्राप्त नहीं हुई।
अब 31 मार्च की वित्तीय सीमा को देखते हुए पंजाब सरकार ने पुन: केन्द्र पर दबाव डालना शुरू कर दिया है ताकि स्वीकृति प्राप्त करबांड जारी किए जा सकें। उन्होंने दावा किया कि 11 मार्च को मतगणना के बाद अकाली-भाजपा सरकार गिरनी तय है। बांड जारी कर अंतिम सांस ले रही यह गठबंधन सरकार अपने अपराध को छिपाने का यत्न कर रही है। नैतिकता व जनमत के सम्मान को देखते हुए वर्तमान सरकार के किसी भी निर्णय पर केन्द्र को अपनी मोहर नहीं लगानी चाहिए, बल्कि यह फैसला नई सरकार पर छोड़ देना चाहिए। जाखड़ ने कहा कि खाद्यान्न घोटाले की जांच उच्च न्यायालय के जस्टिस की अध्यक्षता में गठित आयोग या सी.बी.आई. से करवाने की मांग पर कांग्रेस कायम है। राजनेताओं व अधिकारियों के देश छोडऩे पर पहले ही पाबंदी लगाई जाए ताकि पंजाब की आर्थिकता से खिलवाड़ करने वाला कोई भी दोषी देश छोड़कर भाग न सके।