Edited By Updated: 29 Mar, 2017 07:24 AM
चैत्र नवरात्रे शुरू होने के साथ-साथ ही एक दम बढ़ी गर्मी से चाहे भक्तों की आस्था पर तो कोई फर्क नहीं पड़ा लेकिन चिलचिलाती......
अमृतसर(ममता): चैत्र नवरात्रे शुरू होने के साथ-साथ ही एक दम बढ़ी गर्मी से चाहे भक्तों की आस्था पर तो कोई फर्क नहीं पड़ा लेकिन चिलचिलाती धूप में लोगों का आना-जाना मुश्किल हो रहा है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आज अमृतसर का अधिकतम तापमान 35 डिग्री तक रहा। देर शाम को चाहे तापमान कम होकर 22 डिग्री तक पहुंच गया लेकिन इसके बावजूद गर्मी महसूस होती रही। मौसम के विभाग के अनुसार अगले 5 दिनों में यह तापमान बढ़कर 39 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है।
5 वर्षों में पहली बार हुआ मार्च-अप्रैल में इतना गर्म मौसम
सर्दी की बारिश का कम होना, दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा प्रदूषण, वाहनों की बढ़ रही संख्या, वृक्षों की अंधाधुंध कटाई, औद्योगिकीकरण और वैस्टर्न डिस्टर्बैंस आदि कारणों के चलते वातावरण का बैलेंस एकदम से बिगड़ गया है। यही कारण है कि तापमान में उछाल आ गया है और अब हर व्यक्ति की जुबान से केवल दो ही शब्द निकल रहे हैं कि हाय गर्मी। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पिछले 5 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि मार्च-अप्रैल में मौसम इतना गर्म है, जबकि गर्मी का प्रकोप अप्रैल माह के अंत में शुरू होता है। इस बढ़े तापमान की वजह यह बताई जा रही है कि गर्म इलाकों की तरफ से आ रही गर्म हवाओं से आज गर्मी ऊफान पर पहुंच चुकी है। वर्ष 2012 में मार्च व अप्रैल में अधिकतम तापमान 25 डिग्री तक आंका गया था। इसके उपरांत वर्ष 2013 व 14 में भी तापमान 25 से 27 डिग्री के बीच ही रहा था। 2015 में तापमान पिछले वर्षों के मुकाबले बढ़कर 28 डिग्री तक हुआ और गत वर्ष 2016 में भी लगभग इतना ही आंका गया।
ग्लोबल वार्मिंग बढऩे के कारण बढ़ रही गर्मी
पर्यावरण संस्था मिशन आगाज के कन्वीनर दीपक बब्बर ने कहा कि बढ़ रही गर्मी जहां ग्लोबल वाॄमग के कारण हो रही है, वहीं अमृतसर में इसके बढऩे का मुख्य कारण कुछ वर्षों में विकास के नाम पर कटवाए गए बड़ी संख्या में पेड़ रहे हैं। अमृतसर में बी.आर.टी.एस. प्रोजैक्ट के लिए बड़े स्तर पर ग्रीन बैल्ट को खत्म किया गया जिससे शहर में हरियाली खत्म होने के कारण काफी हद तक गर्मी बढ़ी है। उन्होंने इस बात पर खेद जताया कि शहर के प्रमुख पार्कों में भी हरी-भरी बैल्टों को खत्म करके वहां पर टाइलें लगाई गईं जो पार्क की सुंदरता को बढ़ाती नहीं, बल्कि कम करती हैं। उन्होंने शहर वासियों से आग्रह किया कि वे पौधे लगाने के लिए आगे अएं।
इस तरह रोकें बढ़ रहा तापमान
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक जिस तेजी से मौसम का मिजाज बिगड़ रहा है, उससे भविष्य में कृषि सैक्टर समेत हर वर्ग को ही कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए जरूरी है कि सबसे पहले बढ़ रहे प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए वाहनों का प्रयोग कम करना होगा। अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं। औद्योगिक प्रदूषण को कम करने के लिए गंभीरता से प्रयास करने की जरूरत है।
एकदम बढ़ी गर्मी बढ़ाती है बीमारियां
डाक्टरों का कहना है कि एकदम से बढ़ी गर्मी के कारण स्किन से संबंधित कई बीमारियों से व्यक्ति पीड़ित होने लगते हैं। इसके अलावा खांसी, जुकाम व दस्त आदि रोग से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। लोग गर्मी आते ही एकदम से हाफ बाजू के कपड़े पहनने शुरू कर देते हैं जोकि सेहत के लिए ठीक नहीं है। फिलहाल फुल बाजू के कपड़े पहनें ताकि धूप व मच्छरों से बचाव हो सके।
शुष्क मौसम गेहूं की फसल के लिए लाभदायक
खेतीबाड़ी विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा गर्मी का यह शुष्क मौसम गेहूं की फसल के लिए लाभदायक है। अब गेहूं की कटाई सिर पर है तो इन दिनों के दौरान बारिश या तेज आंधी नुक्सानदायक साबित हो सकती है। दूसरी फसलों के लिए अभी तक का मौसम का मिजाज अनुकूल ही है।