Edited By Vatika,Updated: 22 Sep, 2020 11:46 AM
पंजाब के पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी व अन्य के खिलाफ मोहाली के मटौर थाने में बलवंत सिंह मुल्तानी की किडनैपिंग और हत्या को लेक
चंडीगढ़ (हांडा): पंजाब के पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी व अन्य के खिलाफ मोहाली के मटौर थाने में बलवंत सिंह मुल्तानी की किडनैपिंग और हत्या को लेकर दर्ज एफ.आई.आर. को असंवैधानिक बताते हुए उसे रद्द करने या मामले की जांच राज्य से बाहर की किसी एजैंसी से करवाने की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
8 सितम्बर को जस्टिस फतेहदीप सिंह की ओर से जारी आदेश सोमवार को अपलोड कर दिए गए।आदेशों में कहा गया कि सुमेध सिंह सैनी पंजाब के डी.जी.पी. थे, जिन्हें कानून की पूरी जानकारी थी लेकिन उन्होंने ऐसा अपराध किया, जिससे न केवल पुलिस फोर्स की छवि खराब हुई, बल्कि लोगों की रक्षा की शपथ भी वह भूल गए। कोर्ट ने कहा कि सैनी ने जो अपराध किया वह पूरे होशोहवास में और कानून के दायरे से बाहर जाकर किया। इसलिए उन्हें बेकसूर या इनोसैंट मानते हुए एफ.आई.आर. रद्द नहीं की जा सकती। जस्टिस फतेहदीप सिंह ने आदेशों में सबसे पहले कहा कि कानून और फैक्ट्स के बीच बड़ा फासला है। फिर भी सिस्टम ऑफ ज्यूरीप्रूडैंस में ऐसा कोई प्रावधान नहीं कि फैक्ट्स को नजरंदाज किया जा सके।
याचिकाकत्र्ता ने कहा कि एक ही मामले में 2 एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हो सकतीं। याचिका में खुद को बेकसूर बताते हुए उन्होंने मटौर थाने में दर्ज एफ.आई.आर. को उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश बताते हुए या तो एफ.आई.आर. रद्द करने की अपील की है या मामले की जांच स्टेट से बाहर किसी जांच एजैंसी को देने की बात कही है। कोर्ट ने आदेशों में कहा कि किसी भी आपराधिक मामले में जब भी सबूत मिले, मामला दर्ज किया जा सकता है। पुलिस मामले की तफ्तीश सही तरीके से कर रही है। इसलिए किसी बाहरी एजंैसी से जांच की मांग भी वाजिब नहीं है।