हाईकमान के इशारे पर ही दिया था भगवंत मान ने ‘मजीठिया से माफी’ पर इस्तीफा

Edited By Vatika,Updated: 09 Aug, 2018 08:26 AM

sukhpal singh khaira

आम आदमी पार्टी के धड़ों में चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों में सुखपाल सिंह खैहरा ने सांसद भगवंत मान पर तीखा हमला किया है। खैहरा ने कहा कि नशे के मामले में बिक्रम सिंह मजीठिया से अरविंद केजरीवाल द्वारा माफी मांगने के बाद भगवंत मान द्वारा दिया गया इस्तीफा...

चंडीगढ़(रमनजीत): आम आदमी पार्टी के धड़ों में चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों में सुखपाल सिंह खैहरा ने सांसद भगवंत मान पर तीखा हमला किया है। खैहरा ने कहा कि नशे के मामले में बिक्रम सिंह मजीठिया से अरविंद केजरीवाल द्वारा माफी मांगने के बाद भगवंत मान द्वारा दिया गया इस्तीफा असल में पार्टी की ‘स्ट्रैटेजी’ का हिस्सा था। हाईकमान के कहने पर ही भगवंत मान ने तत्काल इस्तीफे का ऐलान कर दिया था लेकिन पहले से तय होने के कारण उस इस्तीफे को मंजूर नहीं किया गया। खैहरा ने कहा कि यह खुलासा खुद मनीष सिसौदिया ने उनसे किया था।

PunjabKesariमान द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए खैहरा ने कहा कि मैं जबसे राजनीति में आया हूं, कभी उसूलों से समझौता नहीं किया और लगातार लोगों व पंजाब के लिए लड़ता आया हूं, लेकिन भगवंत मान ही हैं जो 3 पाॢटयां और विचारधारा बदल चुके हैं। खैहरा ने कहा कि भगवंत मान पंजाब के लोगों को स्पष्ट करें कि अरविंद केजरीवाल द्वारा मजीठिया से माफी मांगने के बाद जिस मुद्दे पर उसने इस्तीफा दिया था, क्या अब वह सही हो चुका है और मान ने केजरीवाल की माफी को समर्थन दे दिया है। खैहरा ने कहा कि मान ने  पिछले एक वर्ष के दौरान पार्टी का हाल तक नहीं पूछा। उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि मान उनके खिलाफ ऐसा बयान देंगे। खैहरा ने कहा कि नेता विपक्ष की कुर्सी छीनने के बाद भी उन्होंने पंजाब के मुद्दों पर बोलना बंद नहीं किया है, जैसा कि उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक करियर के दौरान नहीं किया। 
PunjabKesariखैहरा ने  खुलासा किया  कि  जब केजरीवाल ने  मजीठिया से माफी मांगी थी तो मान ने इसके विरोध में पार्टी के प्रदेश प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था। विरोध उन्होंने (खैहरा) भी किया था, क्योंकि उन्हें भी बहुत बुरा लगा था, लेकिन अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था। उस दौरान एक बैठक के सिलसिले में पंजाब आए मनीष सिसौदिया से उन्होंने चाय पर अपने घर में मुलाकात की थी। उक्त मुलाकात के दौरान सिसौदिया ने कहा था कि किसी भी मामले पर तुरंत प्रतिक्रिया मत दिया करो जैसा कि केजरीवाल की माफी पर भी किया है।
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बात कर लेते तो पता चल जाता और प्लानिंग के तहत काम करते जैसे कि भगवंत मान ने प्लाङ्क्षनग के तहत ही इस्तीफा दिया है, ताकि पंजाब में पार्टी की छवि सही बनी रहे। खैहरा ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी का पूरा ढांचा निरस्त हो चुका है, पार्टी कमजोर हो चुकी है। ऐसे में हमें पार्टी को मजबूत करने के लिए ही बङ्क्षठडा वालंटियर कन्वैंशन करनी पड़ी। लोगों का साथ मिला है और वालंटियर्स ने ही हमें अथॉरिटी दी है, नया ढांचा खड़ा करने की। बङ्क्षठडा में पास हुए छह प्रस्तावों पर हर हाल में डटकर पहरा दिया जाएगा।  

पंजाब में पार्टी का बुरा हाल
इस दौरान कंवर संधू ने कहा कि पार्टी का पंजाब में काफी बुरा हाल हो चुका है और भगवंत मान पार्टी खड़ी करने की बात करते हैं। संधू ने कहा कि राज्य के 117 विधानसभा हलकों में से 60 में कोई हलका इंचार्ज ही नहीं बनाया गया। ऐसे पार्टी कैसे चलेगी? खैहरा और संधू ने कहा कि आने वाले समय में बाकी एम.एल.ए. भी उनके साथ आ जाएंगे। मान उनके छोटे भाई हैं और वह भी उनके साथ ही आएंगे। ऐसे में वह उन पर या किसी एम.एल.ए. पर कोई आरोप नहीं लगाना चाहते। संधू ने खुद एल.ओ.पी. बनने के आरोप पर कोई भी कमैंट करने से इंकार करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में सफाई देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि खैहरा सब जानते हैं। खैहरा ने कहा कि यह आरोप लगाने वालों को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। वहीं, खैहरा को नेता विपक्ष के तौर पर अलॉट हुई कोठी में पार्टी की गतिविधियां नहीं चलने देने के मान द्वारा लगाए गए आरोप का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह रिहायशी इलाका है, जिसके आसपास जजों की रिहायश है। रिहायशी इलाके में पार्टी ऑफिस कैसे चल सकता था? विधायक पिरमल सिंह खालसा ने अपना एम.एल.ए. फ्लैट पार्टी कार्यालय के तौर पर बरतने का प्रस्ताव दिया था लेकिन वहां काम नहीं चलाया गया। 

बहबलकलां मामले में विधानसभा का हो विशेष सत्र 
सुखपाल खैहरा ने बहबल कलां मामले पर धीमी कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में कैप्टन सरकार ने बहुत ही कमजोर कदम उठाया है। कैप्टन खुद कहते रहे हैं कि सी.बी.आई. को मामला सौंपने का मतलब है कि उस मामले को ठंडे बस्ते में डालना। अब उन्होंने खुद इस मामले को सी.बी.आई. को सौंप दिया है। यानी वह भी इस मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की स्टेट पॉलीटिकल अफेयर्स कमेटी इस मामले में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करती है। इस मामले में सभी आरोपी पुलिस वालों को पहले अरैस्ट करना चाहिए था। उसके बाद उनके खिलाफ अगली कार्रवाई की जानी चाहिए थी। 

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