Edited By Vatika,Updated: 29 May, 2018 04:40 PM
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खेहरा ने आज आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति के लाखों छात्रों की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप (पीएमएस) रोककर छात्रों से अन्याय किया जा रहा है और उनके निजी कॉलेजों के शोषण का शिकार होने पर मजबूर किया जा रहा है।
चंडीगढ़(वार्ता): पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खेहरा ने आज आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति के लाखों छात्रों की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप (पीएमएस) रोककर छात्रों से अन्याय किया जा रहा है और उनके निजी कॉलेजों के शोषण का शिकार होने पर मजबूर किया जा रहा है।
खैहरा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की आलोचना करते हुए कहा कि जब से यह सरकार बनी है, पीएमएस ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है और लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है। आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने पंजाब सरकार पर इस मद में केंद्र सरकार से मिलने वाली का सही उपयोग न करने का भी आरोप लगाया। खैहरा ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले साल 115 रुपए पीएमएस के लिए जारी किये थे, पर प्रदेश सरकार यह लाभ छात्रों तक पहुंचाने में विफल रही। खेहरा ने सूचना अधिकार कानून के तहत प्राप्त जानकारी के हवाले से कहा कि 115 करोड़ रुपए में से केवल 2165 छात्रों को पीएमएस का लाभ दिया गया जबकि 288651 छात्रों को इस लाभ से वंचित रखा गया।
उन्होंने पंजाब सरकार ने निजी कॉलेजों पर पीएमएस सहायता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए ऑडिट का आदेश दिया था लेकिन यह ऑडिट पूरी ही नहीं हुई। समाज कल्याण मंत्री ने उक्त 115 करोड़ रुपए की राशि सरकारी कॉलेजों को दी है जिससे निजी कॉलेजों ने फैसला किया है कि आने वाले शैक्षणिक सत्र में अनुसूचित जाति छात्रों को प्रवेश नहीं देंगे। इससे लाखों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। आप नेता ने मुख्यमंत्री से निजी तौर पर हस्तक्षेप कर यह समस्या सुलझाने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि निजी कॉलेजों के पीएमएस के तहत 1600 करोड़ रुपए बकाया हैं और उन्होंने धमकी दी है कि इस महीने के अंत तक यह बकाया चुकाया नहीं गया तो वह अगले अकादमिक सत्र से अनुसूचित जाति के छात्रों को प्रवेश नहीं देंगे और वर्तमान को क्लास में बैठने नहीं देंगे।