शहीद-ए-आजम को शहीद का दर्जा न मिलना दुख की बात: खैहरा

Edited By Vatika,Updated: 14 May, 2018 11:10 AM

शहीद-ए-आजम स. भगत सिंह व उनके साथियों को आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी शहीद का दर्जा न देना दुख की बात है। सभी सरकारों ने शहीदों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकीं तथा उनके नाम का लाभ भी उठाया है। यह बात विधानसभा में विरोधी पक्ष के नेता...

नवांशहर(मनोरंजन): शहीद-ए-आजम स. भगत सिंह व उनके साथियों को आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी शहीद का दर्जा न देना दुख की बात है। सभी सरकारों ने शहीदों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकीं तथा उनके नाम का लाभ भी उठाया है। यह बात विधानसभा में विरोधी पक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने रविवार को खटकड़कलां में पत्रकारों से बातचीत करते कही। 

स. सुखपाल सिंह खैहरा जबर विरोधी संघर्ष कमेटी की ओर से शहीदों को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए शुरू की गई भूख हड़ताल को अपना समर्थन देने पहुंचे थे। सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि जबर विरोधी संघर्ष कमेटी की ओर से शुरू किए संघर्ष को अंजाम तक पहुंचाने में हर संभव योगदान डालेंगे। पत्रकारों की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में खैहरा ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पंजाब में नशे के मामले में अकाली नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया से माफी मांगे जाने से सहमत नहीं हैं। कई बार कुछ मुद्दों पर पार्टी के नेताओं में मतभेद हो जाते हैं, लेकिन वैसे आम आदमी पार्टी पूरी तरह से एकजुट है।

उन्होंने कहा कि 2019 में होने वाले लोक सभा चुनावों में दिल्ली की टीम व पंजाब टीम के नेता आपसी तालमेल से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों ड्रग पर हुई रिसर्च में पता लगा है कि अभी भी प्रदेश में नशा चल रहा है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह कह रहे हैं कि सरकार ने 52 हजार तस्कर पकड़ लिया हैं, बड़े तस्कर पंजाब छोड़ चले गए हैं। सरकार ने किसी भी बड़े तस्कर को नहीं पकड़ा।

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