Edited By swetha,Updated: 24 Jun, 2018 05:48 PM
अगर दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो फिर इंसान आसमान को भी छू सकता है। यह साबित कर दिखाया है दीनानगर के 22 वर्षीय सुखजिंदर सिंह ने। वह भारतीय सेना में डायरेक्ट लैफ्टिनैंट भर्ती हुआ है। उसे देश सेवा का जज्बा और प्रेम विरासत में मिला। अभी कुछ समय...
दीनानगरः अगर दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो फिर इंसान आसमान को भी छू सकता है। यह साबित कर दिखाया है दीनानगर के 22 वर्षीय सुखजिंदर सिंह ने। वह भारतीय सेना में डायरेक्ट लैफ्टिनैंट भर्ती हुआ है। उसे देश सेवा का जज्बा और प्रेम विरासत में मिला। अभी कुछ समय पहले ही उसके पिता सेना से रिटायर हुए हैं। बेटे की इस कामयाबी पर माता -पिता काफी खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं।अब उनकी ड्यूटी जम्मू-कश्मीर में है। उन्होंने पहली बार 2014 में एन.डी.ए. टैस्ट पास किया था।
सेना की 3 जैक राइफल यूनिट में बतौर लैफ्टिनैंट नियुक्त हुए सुखजिन्दर सिंह ने बताया कि उसका बचपन से ही सेना में अफसर बनने का सपना था, जो आज सच हो गया है। उसने नौजवान पीढ़ी को नशे से दूर रहकर देश की सेवा करने का संदेश दिया। लैफटीनैंट बनने के बाद पहली बार दीनानगर पहुंचे सुखजिंदर का शहर निवासियों और शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद की तरफ से सम्मान भी किया गया।