Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 11:37 AM
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अमरेंद्र सरकार के प्रति अपना रवैया और कड़ा करते हुए मुख्यमंत्री से कहा है कि किसानों की कर्ज माफी के वायदे से मुकरने से अब उनको अपनी कुर्सी पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। यह वायदा अमरेंद्र ने...
चंडीगढ़ (पराशर): शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अमरेंद्र सरकार के प्रति अपना रवैया और कड़ा करते हुए मुख्यमंत्री से कहा है कि किसानों की कर्ज माफी के वायदे से मुकरने से अब उनको अपनी कुर्सी पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। यह वायदा अमरेंद्र ने चुनाव से पहले और मुख्यमंत्री बनने के बाद विधानसभा में किया था।
सुखबीर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर पंजाब के किसानों से यह वायदा किया था कि वह उनके सभी कर्जे माफ कर देंगे जबकि सरकार ने 47 हजार किसानों के लिए 167 करोड़ रुपए की राशि जारी की है जो कि कुल कर्जे की एक प्रतिशत भी नहीं है।अमरेंद्र ने यह भी कहा था कि वह किसानों के सहकारी और राष्ट्रीय बैंकों के अलावा आढ़तियों से लिए 90 हजार करोड़ रुपए के सभी कर्जे माफ कर देंगे परंतु अब अमरेंद्र यह कहकर अपनी वचनबद्धता से मुकर गए हैं कि फसली कर्जा स्कीम के तहत सभी कर्जदार किसानों का कर्जा माफ नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान कांग्रेस को यह विश्वासघात करके भागने नहीं देंगे।
मुकम्मल कर्जा माफी लागू करने हेतु सरकार को मजबूर करने के लिए अकाली दल एक आंदोलन चलाएगा। हम यह यकीनी बनाने के लिए आंदोलन करेंगे कि खेत मजदूरों व दलित भाईचारे का कर्जा भी माफ हो। अकाली दल के अध्यक्ष ने कै. अमरेंद्र सिंह को यह भी कहा कि वह किसानों का कर्जा माफ न करने के बहाने न गढ़ें। कर्जा माफी का वायदा करने वाला कांगे्रसी मैनीफैस्टो मौजूदा वित्त मंत्री द्वारा 6 महीने स्टडी करने के बाद तैयार किया गया था। कर्जा माफी की योजना बनाने और लागू करने में नाकामी के लिए उसकी तुरंत छुट्टी करनी चाहिए। सुखबीर ने मुख्यमंत्री के उस बयान को भी हास्यास्पद बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार छोटे व सीमांत किसानों का कर्जा माफ करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सभी जानते हैं कि यह गलत है।