सुखबीर की कैप्टन को चुनौती- निजी थर्मल प्लांटों के बिजली खरीद समझौते रद्द करके दिखाएं

Edited By swetha,Updated: 09 Jan, 2020 08:30 AM

sukhbir s challenge to captain amarinder singh

कांग्रेस सरकार ने ट्रिब्यूनल अवार्ड के मामले की अदालत में सुस्त पैरवी की

चंडीगढ़(रमनजीत): शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को चुनौती देते हुए कहा कि वह प्राइवेट थर्मल प्लांटों से किए गए बिजली खरीद समझौते (पी.पी.ए.) रद्द करके दिखाएं। सुखबीर बादल ने कहा कि इन समझौतों का ढांचा डा. मनमोहन सिंह सरकार द्वारा तैयार किया गया था।  

कांग्रेस सरकार ने ट्रिब्यूनल अवार्ड के मामले की अदालत में सुस्त पैरवी की
सांसद ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ही रिश्वत लेकर प्राइवेट कंपनियों को लाभ पहुंचाया और जानबूझ कर कोयला ढोने से जुड़े 2500 करोड़ के तथा 1602 करोड़ रुपए के ट्रिब्यूनल अवार्ड के मामले की अदालत में सुस्त पैरवी की है। यदि बिजली खरीद समझौतों में कोई गड़बड़ी लगती है तो इन्हें तत्काल रद्द कर देना चाहिए। बड़ी अजीब बात है कि यह काम 3 साल से क्यों नहीं किया गया। डा. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में तैयार हुए बिजली खरीद समझौतों के समूचे पी.पी.ए. की जांच होनी चाहिए। 

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कांग्रेस ने नहीं की केसों की सही पैरवी, 2500 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ा 
सुखबीर ने कहा कि अकाली दल कोयले की ढुलाई के रूप में प्राइवेट थर्मल प्लांट मैनेजमैंटों को दिए जा चुके 1400 करोड़ रुपए के लाभ तथा 1100 करोड़ रुपए के अन्य दिए जाने वाले अतिरिक्त लाभ की स्वतंत्र जांच करवाने की मांग करता है। कांग्रेस सरकार ने प्राइवेट प्लांटों को कोयले की ढुलाई का खर्चा देने संबंधी केस की सुप्रीम कोर्ट में सही ढंग से पैरवी नहीं की है। यह सीधा मैच फिक्सिंग का मामला है।  प्राइवेट प्लांटों से किए इस अंदरूनी समझौते के कारण राज्य को 2500 करोड़ रुपए अदा करने होंगे। पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान इस केस की सही ढंग से पैरवी की गई थी तथा प्राइवेट प्लांटों द्वारा दी गई दलीलों को पी.एस.ई.आर.सी. तथा ए.पी.टी.ई.एल. द्वारा रद्द किया गया था।  

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घोटालों की करवानी चाहिए जांच
सुखबीर ने कहा कि दूसरे 1602 करोड़ रुपए के केस में कांग्रेस सरकार की पुनरावलोकन याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था, क्योंकि इसने ट्रिब्यूनल के अपने अढ़ाई साल पुराने आवेदन को खारिज करने के फैसले को चुनौती नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि इस बिना बात की देरी ने इस्ट्रनल मिनरल्ज एंड ट्रेनिंग एजैंसी (ई.एम.टी.ए.) को अनुचित लाभ पहुंचाया है, जोकि मैच फिक्सिंग का परिणाम लगता है। इन दोनों घोटालों की एक स्वतंत्र एजैंसी से जांच करवानी चाहिए तथा जांच मुकम्मल होने तक बिजली दरों में की ताजा बढ़ौतरी को वापस लिया जाना चाहिए।

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