Edited By Vatika,Updated: 05 Nov, 2019 09:33 AM
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के सांसद बनने के बाद अब पंजाब विधानसभा में उनके खिलाफ चल रहे सदन की तौहीन के मामले में अगली कार्रवाई लोकसभा के रुख पर निर्भर है।
चंडीगढ़ (भुल्लर): शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के सांसद बनने के बाद अब पंजाब विधानसभा में उनके खिलाफ चल रहे सदन की तौहीन के मामले में अगली कार्रवाई लोकसभा के रुख पर निर्भर है।
उल्लेखनीय है कि सुखबीर के खिलाफ पंजाब विधानसभा में सदन की मर्यादा के उल्लंघन के मामले में उनके विधायक होते हुए दायर हुए थे। जिन पर लगभग डेढ़ वर्ष के समय से पंजाब विधानसभा की विशेष अधिकार कमेटी में कार्रवाई चल रही है परंतु लोकसभा चुनाव में सुखबीर के सांसद चुने जाने के बाद वह पंजाब के विधायक पद से मुक्त हो चुके हैं। इस कारण अब उनके खिलाफ पंजाब विधानसभा के मामलों में चल रही कार्रवाई की स्थिति बदल चुकी है। संसद का मैंबर बन जाने के कारण पंजाब विधानसभा कमेटी भी अब बेबस दिखाई दे रही है, जिस कारण मामला अगली कार्रवाई के लिए लोकसभा के स्पीकर को भेजा गया है। पंजाब विधानसभा की विशेष अधिकार कमेटी के प्रमुख कांग्रेसी विधायक कुशलदीप ढिल्लों हैं और कमेटी के कुल 12 में से 7 मैंबर कांग्रेस से संबंधित हैं।
इस कमेटी की पिछले दिनों हुई एक मीटिंग दौरान सारी स्थिति और सुखबीर के खिलाफ आरोपों संबंधी विस्तार में चर्चा हुई। मीटिंग में ही सुखबीर के खिलाफ सदन की तौहीन का मामला लोकसभा को भेजने के लिए पंजाब विधानसभा के स्पीकर को सिफारिश की गई थी। सुखबीर के खिलाफ पंजाब विधानसभा में दर्ज हुए मर्यादा उल्लंघन के मामलों में बहस दौरान स्पीकर के प्रति ऐतराज योग्य भाषा बोलने, रणजीत सिंह कमिशन की रिपोर्ट की कापियां फाडऩे, मुख्यमंत्री के खिलाफ गर्मख्याली सिख नेताओं के साथ गुप्त मीटिंगों के आरोप लगाने संबंधी टिप्पणियां शामिल हैं। पंजाब विधानसभा की विशेष अधिकार कमेटी के चेयरमैन कुशलदीप ढिल्लों का कहना है कि नियमों अनुसार सुखबीर के सांसद बनने के बाद मामला नियमों लोकसभा को भेजना वाजिब है और सदन की तौहीन के मामले गंभीर है, जिनमें सुखबीर के खिलाफ लोकसभा के स्पीकर से कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।