पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर: सुखबीर बादल

Edited By Mohit,Updated: 08 Apr, 2019 10:07 PM

sukhbir badal

पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि राज्य में कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी चरम पर है और हर कांग्रेसी एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहा है।

नकोदरः पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि राज्य में कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी चरम पर है और हर कांग्रेसी एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहा है। बादल ने सोमवार को यहां अकाली-भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल के लिए चुनाव प्रचार रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अकाली-भाजपा गठजोड़ के दोबारा उत्थान के कारण कोई भी गंभीर नेता कांग्रेसी टिकट पर लडऩे के लिए तैयार नही है। उन्होने कहा कि बिखरी हुई तथा दुविधाग्रस्त कांग्रेस के पंजाब में कही भी पैर नही लग रहे हैं।  

उन्होने कहा,‘‘मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चरणों की झूठी सौगंध खाकर बोले सफेद झूठों के अंजाम के बारे में सोचकर पंजाब के कांग्रेसी नेताओं की नींद उड़ गई है।’’ बादल ने कहा कि आम चुनावों में कांग्रेस का पूरी तरह सफाया हो जाएगा। उन्होने घोषणा की कि राज्य में अब कांग्रेस सरकार मात्र 47 दिन है। चुनावों के परिणामों के बाद 25 मई को अमरिंदर-सरकार छूमंतर हो जाएगी। कैप्टन ने कहा था कि यह उसके आखिरी चुनाव हैं जो उनकी कांग्रेस पार्टी के लिए भी सच्ची साबित होगी। अमरिंदर सरकार को ‘बंद सरकार’ बताते हुए बादल ने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार द्वारा शुरू की सभी लोक कल्याण योजनाओं तथा विकास कार्यों को वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है। 

उन्होने कहा कि शगुन स्कीम, दलित विद्यार्थियों के वजीफे, सरकारी नौकरियां, पैंशन स्कीम, टयूबवैल कनैक्शन, दलितों तथा गरीबों को 200 यूनिट आंशिक मुफ्त बिजली की सहुलियत आदि सभ बंद कर दिया गया है। उन्होने कहा कि इसी तरह जन भलाई तथा लोक हितैशी स्कीमें जैसे 50 हजार रूपए का ईलाज, किसानों, छोटे दुकानदारों तथा मजदूरों के लिए पांच लाख रुपए तक का जीवन बीमा आदि को बंद कर दिया गया है। उन्होने कहा कि कैप्टन ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री के तौर पर किसानों के कर्जे चुकाएंगे तथा किसी किसान को एक पैसा भी नही देना पड़ेगा। सरकार बनाने से पहले उन्होने किसानों को कर्जे की किस्ते न देने के लिए कह दिया था। इस बारे उन्होने हलफिया बयान दिए थे तथा किसानों से उन कागजों पर दस्तखत भी करवाए थे। 

उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री बनते ही अमरिंदर ने एलान कर दिया कि यह उसके आखिरी चुनाव हैं। यह अमरिंदर द्वारा लोगों को दिया संकेत था कि यदि वह किए वादों से मुकर गया फिर भी लोग उसका कोई नुकसान नही कर सकते। घर-घर नौकरी देने का वायदे का भी यही परिणाम हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तथा उनकी पार्टी ने यह जानते हुए कि वे कोई वायदा पूरा नही कर पाएगी, लोगों से झूठे वायदों की झड़ी लगा दी है। उन्होंने पेंशन राशि 500 से बढ़ाकर 2500 रुपए प्रति महीना, शगुन की राशि 15 हजार से बढ़ाकर 51 हजार रुपए करने के वायदे किए थे। इसके अलावा नौजवानों को 2500 रूपए प्रति महीना बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था लेकिन इन वादों में से एक भी पूरा नही किया। 

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