Edited By swetha,Updated: 08 Dec, 2018 12:12 PM
बादल सरकार के 10 वर्ष के कार्यकाल दौरान हुई भूलों की माफी के लिए शिअद प्रधान सुखबीर बादल श्री हरमंदिर साहिब पहुंचे। अखंड पाठ शुरू करवाने के बाद वह श्री अकाल तख्त साहिब में पेश होकर माफी मांगेगे। वहीं इससे इससे नया विवाद भी खड़ा हो सकता है। श्री...
अमृतसर: बादल सरकार के 10 वर्ष के कार्यकाल दौरान हुई भूलों की माफी के लिए शिअद प्रधान सुखबीर बादल श्री हरमंदिर साहिब पहुंचे। अखंड पाठ शुरू करवाने के बाद वह श्री अकाल तख्त साहिब में पेश होकर माफी मांगेगे। वहीं इससे इससे नया विवाद भी खड़ा हो सकता है। श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होने से पहले क्षमा-याचना के लिए श्री अखंड पाठ साहिब रखने से भाव है कि सब कुछ पहले से ही तय माना जाएगा जोकि मर्यादा के बिल्कुल उलट है।
नियमों के मुताबिक श्री अकाल तख्त साहिब पर क्षमा-याचना करने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सहिबान को पहले लिखित दर्ख्वास्त देनी होती है, उस पर 5 सिंह सहिबानों द्वारा विचार करने के उपरांत दोषी के दोष तय होते हैं। फिर वेतन आदि लगने के बाद सेवा और फिर तख्त पर पेश होकर माफी मिलती है। अकाली दल द्वारा अपनी गलतियों का ब्यौरा कैसे दिया जाएगा? यदि नेता गलतियों का विवरण देते हैं तो उसके बाद ही सजा तय हो सकती है।
अकाली दल के इस फैसले से पार्टी के वर्करों में भी रोष पैदा हो सकता है कि बड़े नेताओं ने तो गलतियां की हैं परंतु हमारा कसूर क्या है। हमें किस के लिए इन गलतियों का हिस्सेदार बनाकर श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश किया जा रहा है। अकाली दल के भूल बख्शाने वाले फैसले का आने वाले समय में क्या निष्कर्ष निकलेगा यह तो समय ही बताएगा परंतु इसके साथ विरोधियों को एक बार फिर अकाली दल पर निशाना साधने का मौका जरूर मिल गया है। इस दौरान अकालियों ने गुरु घर में जोड़े साफ करने की सेवा निभाई।