कृषि कानून पर सुखबीर ने राहुल गांधी से पूछे 5 सवाल

Edited By Sunita sarangal,Updated: 04 Oct, 2020 10:28 AM

sukhbir asks rahul gandhi 5 questions on agricultural law

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कहा कि वह पंजाबियों को बताएं कि उन्होंने संसद में किसान विरोधी 3 कानूनों को .......

चंडीगढ़(अश्वनी): शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कहा कि वह पंजाबियों को बताएं कि उन्होंने संसद में किसान विरोधी 3 कानूनों को पारित करवाने में सुविधा के लिए निश्चित मैच क्यों खेला था? उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि क्या उन्होंने छात्रवृत्ति घोटाले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा समाज कल्याण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को दी गई क्लीनचिट का समर्थन किया है? यहां पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बादल ने कहा कि राहुल गांधी को पहले पंजाबियों को यह बताना चाहिए कि उन्होंने किसानों के मकसद को धोखा क्यों दिया और कृषि कानूनों को हकीकत बनाने की प्रक्रिया में मदद क्यों की है? 

साधु सिंह धर्मसोत को क्लीनचिट पर सवाल 
बादल ने अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा की गई जांच में दोषी ठहराए जाने के बावजूद मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को दी गई क्लीनचिट के बारे में कहा कि राहुल गांधी को पंजाब में दलित समुदाय को बताना चाहिए कि क्या वह इस कार्रवाई से सहमत हैं। ‘राहुल को यह भी बताना चाहिए कि क्या वह मुख्यमंत्री के फैसले से सहमत हैं। क्या वह कांग्रेसी मंत्रियों को अनुसूचित जाति के छात्रों को भेजे गए केंद्रीय धन को लूटने के लिए खुला लाइसैंस देने के फैसले से सहमत हैं। 

अकाली दल अध्यक्ष ने इस मामले में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए दोबारा जांच के आदेश को भी खारिज करते हुए कहा कि साधु सिंह धर्मसोत को दोष मुक्त करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव का एक जूनियर अधिकारी तैनात किया गया था। ‘अब सरकार कह रही है कि सिर्फ 7 करोड़ रुपए का गबन किया गया है, फिर भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि यदि 69 करोड़ रुपए लूटने वाले साधु सिंह धर्मसोत निर्दोष पाए गए हैं तो अतिरिक्त मुख्य सचिव कृपा शंकर सरोज के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए, जिन्होंने उन्हें अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति फंड का गबन करने के लिए दोषी ठहराया था।

सुखबीर ने राहुल से पूछे ये 5 सवाल
1.     क्या पंजाब में आपकी पार्टी ने 2017 के चुनाव घोषणा पत्र में नहीं कहा था कि आप निजी मंडियां खोलेंगे और अनुबंध खेती जो अब लागू है, ई-ट्रेडिंग के लिए अनुमति देंगे? 
2.     यदि हां तो आपने पंजाब में संशोधित ए.पी.एम.सी. अधिनियम को अब तक निरस्त क्यों नहीं किया? 
3.     क्या आप अपने 2019 के चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार ए.पी.एम.सी. अधिनियम को पूरी तरह समाप्त कर देंगे और कृषि व्यापार को सभी प्रतिबंधों से मुक्त कर देंगे?
4.     आपने कृषि कानूनों को संसद में उठाए जाने से एक दिन पहले देश छोड़ने का विकल्प क्यों चुना और जिस दिन वे अधिनियम बन गए, आप वापस आ गए? 
5.     आपने अपने सांसदों को कानून के खिलाफ मतदान करने और वरिष्ठ नेताओं को उनका विरोध करने के लिए व्हिप क्यों नहीं जारी किया?

मुख्यमंत्री अमरेंद्र दोहरी राजनीति में लिप्त
बादल ने मुख्यमंत्री पर दोहरी राजनीति में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कृषि कानूनों को खारिज करते हुए प्रस्ताव पारित करने के लिए एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाया और दूसरी ओर उन्हें एक माह से अधिक समय तक केंद्र को नहीं भेजा। इसी तरह कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने राज्य में कृषि कानूनों के कार्यान्वयन को नकारने के लिए कानून लागू करने से इंकार कर दिया था।

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