Edited By Anjna,Updated: 04 Jun, 2018 07:46 AM
मालवा में प्रतिदिन खुदकुशियों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। खुदकुशी करने वालों में अधिकतर किसान हैं। आत्महत्या का मुख्य कारण कर्ज ही सामने आ रहा है। आज बठिंडा के अधीन पड़ते गावों में 3 किसानों ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
बठिंडाः मालवा में प्रतिदिन खुदकुशियों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। खुदकुशी करने वालों में अधिकतर किसान हैं। आत्महत्या का मुख्य कारण कर्ज ही सामने आ रहा है। आज बठिंडा के अधीन पड़ते गावों में 3 किसानों ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। पहले मामले में गांव लहरा धूरकोट के किसान गुरसेवक सिंह ने फंदा लगा लिया। इसी तरह गांव गंगा के खेत मजदूर शमिंद्र सिंह ने जहरीली दवाई पी ली जिसके कारण उसकी मौत हो गई। एक अन्य मामले में गांव झुंबा के किसान अलविंद्र सिंह ने खुद को गोली मार ली। इन सभी किसानों पर बैंक, आढ़तियों व अन्य प्रकार का कर्ज था जिससे परेशान होकर अन्नदाता ने खुदकुशी का रास्ता चुना।
प्रॉपर्टी डीलर द्वारा धमकाने पर लगाया फंदा
गांव लहरा धूरकोट के किसान गुरसेवक सिंह ने फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। पुलिस को किसान की जेब से मिले खुदकुशी नोट में प्रॉपर्टी डीलरों से 13 लाख रुपए न मिलने बारे लिखा गया है। खुदकुशी नोट में बताया गया है कि उसने अपनी जमीन 36 लाख 35 हजार रुपए में बेची थी। 2 प्रॉपर्टी डीलरों ने उससे 13 लाख रुपए उधार ले लिए थे। जब वह पैसे मांगता था तो उक्त डीलर टाल-मटोल करते थे। बाद में प्रॉपर्टी डीलरों ने पैसे मांगने के बदले जान से मारने की धमकियां भी दीं। इसी परेशानी के चलते आज दोपहर गुरसेवक सिंह ने खेतों में जाकर फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली । पुलिस ने मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।
आर्थिक तंगी के चलते निगला जहरीला पदार्थ
वहीं गांव गंगा में एक मजदूर ने आॢथक तंगी के चलते जहरीला पदार्थ निगलकर खुदकुशी कर ली। मृतक मजदूर शमिंद्र सिंह (32) पुत्र हाकम सिंह एक ठेकेदार के पास ट्रैक्टर पर ड्राइवर के तौर पर काम करता था जहां मिलते वेतन से परिवार का गुजारा नहीं होता था जिसके कारण शमिंद्र सिंह परेशान था। इसी परेशानी के चलते उसने जहरीला पदार्थ निगल ली, जिसकी अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई।
19 लाख के कर्जाई किसान ने खुद को मारी गोली
वहीं गांव झुंबा में अलविंद्र सिंह उर्फ काला (33) पिता इकबाल सिंह के पास 10 एकड़ के करीब जमीन थी, वह हर वर्ष 50 एकड़ के करीब जमीन ठेके पर लेकर खेती करता था। गत वर्ष उसने 20 एकड़ में कपास की खेती की थी जो फसल खराब हो गई। उक्त किसान पर 10 लाख आढ़तिए, 3 लाख बैंक की लिमिट, डेढ़ लाख ट्रैक्टर का लोन और साढ़े 6 लाख कंबाइन का लोन कर्ज था। दोपहर के समय किसान अपने घर आया और अपने पिता की 38 बोर लाइसैंसी रायफल से पेट में गोली मार ली। इस संबंधी थाना नंदगढ़ के मुखी भूपिंद्र सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि मृतक किसान अलविंद्र सिंह की पत्नी रुपिंद्र कौर के बयानों पर 174 की कार्रवाई करते शव को पोस्टमार्टम के लिए बङ्क्षठडा के सिविल अस्पताल भेज दिया गया है।