लोकल बॉडीज के चीफ विजीलैंस ऑफिसर मानिक ने दिया इस्तीफा

Edited By Vatika,Updated: 15 Jun, 2019 10:28 AM

sudip manik resigns

मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह से मतभेदों के चलते लोकल बॉडीज मंत्री का पद नवजोत सिद्धू से लेकर ब्रह्म महिंद्रा को सौंप दिया गया है। इस तबादले के चलते जहां विभाग की कार्यप्रणाली में अभी से फर्क नजर आने लगा है

जालंधर(खुराना): मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह से मतभेदों के चलते लोकल बॉडीज मंत्री का पद नवजोत सिद्धू से लेकर ब्रह्म महिंद्रा को सौंप दिया गया है। इस तबादले के चलते जहां विभाग की कार्यप्रणाली में अभी से फर्क नजर आने लगा है, वहीं लोकल बॉडीज के अधिकारी वर्ग पर भी इस तबादले का असर दिखना शुरू हो गया है। लोकल बॉडीज के सबसे सशक्त माने जाते अधिकारी चीफ विजीलैंस ऑफिसर सुदीप मानिक ने लोकल बॉडीज के इस पद से अपना त्यागपत्र सरकार को सौंप दिया है। पता चला है कि उन्होंने यह इस्तीफा 10 जून को ही भेज दिया था।

इस्तीफे को स्वीकार करने की प्रक्रिया अभी चल रही है और जल्द ही लोकल बॉडीज का नया चीफ विजीलैंस ऑफिसर तैनात कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि मार्च-2017 में जब नवजोत सिद्धू ने सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालय लोकल बॉडीज की कमान संभाली थी तब एकाएक लोकल बॉडीज के तत्कालीन चीफ विजीलैंस आफिस ए.के. कांसल की छुट्टी कर दी गई थी और उनके स्थान पर नवजोत सिद्धू नेवी के रिटा. अधिकारी सुदीप मानिक को लेकर आए थे। नेवी से रिटायरमैंट के बाद सुदीप मानिक एल. एंड टी. (लार्सन एंड टूब्रो) में कार्यरत थे जब अचानक उन्हें लोकल बॉडीज मंत्रालय का चीफ विजीलैंस ऑफिसर बना दिया गया।

मानिक की इस नियुक्ति को लेकर लोकल बॉडीज मंत्रालय में खूब हो-हल्ला मचा था क्योंकि विभागीय नियमों वाले मैनुअल में साफ लिखा था कि इस पद पर नियुक्ति संबंधित अधिकारी की वरिष्ठता के आधार पर तय होगी और नियुक्ति के लिए विजीलैंस ब्यूरो से क्लीयरैंस लेनी होगी। चूंकि सुदीप मानिक लोकल बॉडीज मंत्रालय से संबंधित नहीं थे और न ही उनकी इस विभाग में कोई वरिष्ठता थी इसलिए उस समय लोकल बॉडीज के कई उज्ज अफसर नाराज भी हो गए थे। 

सुदीप मानिक के वेतन को लेकर भी हुआ था विवाद
तत्कालीन लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने नेवी और एल. एंड टी. में कार्यरत अधिकारी सुदीप मानिक को इतना महत्वपूर्ण पद सौंप तो दिया था परंतु श्री मानिक के वेतन को लेकर उस समय खासा विवाद चला था। जिस बारे कहा जाता है कि अभी तक वह विवाद सुलझा नहीं है। कुछ सूत्र तो यह भी बताते हैं कि सुदीप मानिक ने 2 साल से ज्यादा की नौकरी बिना वेतन लिए की। सुदीप मानिक के वेतन के बारे में जब लोकल बॉडीज के उज्जाधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने उनके वेतन बारे जानकारी होने से ही इंकार कर दिया। जब पी.एम.आई.डी.सी. के सर्वोज्ज अधिकारी आई.ए.एस. अजॉय शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पी.एम.आई.डी.सी. से उनका वेतन रिलीज नहीं हुआ। सूत्र बताते हैं कि सुदीप मानिक के वेतन संबंधी फाइल को विभिन्न स्तरों पर रोक लिया गया था क्योंकि उनकी नियुक्ति ही नियमों के खिलाफ थी। तब नवजोत सिद्धू ने वेतन रोके जाने को लेकर कुछ अधिकारियों विरुद्ध गुस्से का इजहार भी किया था। अब विभाग में नई चर्चा शुरू हो गई है कि इतने महीने बिना वेतन कैसे कोई काम कर सकता है। 

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