Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Oct, 2017 03:42 PM
शिरोमणि अकाली दल के कद्दावर नेता रहे सुच्चा सिंह लंगाह पर केस दर्ज होने के बाद पंजाब की राजनीति में हड़कंप मच गया है।
गुरदासपुरः शिरोमणि अकाली दल के कद्दावर नेता रहे सुच्चा सिंह लंगाह पर केस दर्ज होने के बाद पंजाब की राजनीति में हड़कंप मच गया है। लंगाह 1980 में राजनीति में कदम रखने से पहले दूध बेचने व घोड़ा गाड़ी चलाने का काम करते थे। आज वह 100 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। शिअद में शामिल होने के साथ ही उन पर मारपीट के अलावा धार्मिक भावनाएं आहत करने के केस दर्ज होने लगे।
लंगाह पर दुष्कर्म का केस दर्ज होने के बाद गुरदासपुर उपचुनाव में भी सभी मुद्दों को छोड़कर सारा फोकस उन पर आ गया है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इस मामले को लेकर अकाली दल-भाजपा गठबंधन पर निशाना साध रही है। दूसरी ओर शिअद ने भी उनको पार्टी सदस्यता से निकालकर उनसे सारे नाते तोड़ लिए हैं।
राजनीति में आने के बाद कई मौकों पर सिख पंथ, धार्मिक मर्यादा व अच्छे आचरण संबंधी उन्होंने भाषण भी दिए। इसी कारण जल्द ही एस.जी.पी.सी. मैंबर बन गए और बाद में अकाली दल की कोर कमेटी के सदस्य भी। 1997 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद लोक निर्माण मंत्री और 2007 में खेतीबाड़ी मंत्री बने तो शिअद की पहली कतार वाले नेताओं में उनकी जगह बन गई।
दूध बेचने वाले से लेकर दो बार के कैबिनेट मंत्री व धर्म प्रचारक बने लंगाह की दागदार जिंदगी भी किसी से छुपी नहीं रही। राजनीतिक सफर शुरू करने से पहले पुलिस रिकॉर्ड में दस नंबरी थे। पहली बार विधायक बने तब भी अपराधियों की सूची में शामिल थे। उसके बावजूद उनको कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
अपनी सियासी पारी के कारण वह कुछ ही सालों में सौ करोड़ से अधिक के मालिक बन गए। विरासत में उनको सिर्फ तीन एकड़ जमीन मिली थी। पर मंत्री बनने के बाद करोड़ों के मालिक बनते गए। विरोधी पार्टियों ने कई बार उन पर गैर कानूनी कब्जे करने व तस्करों से मिलीभगत के आरोप भी लगाए। 2002 में कैप्टन सरकार आने पर विजिलेंस ने केस भी दर्ज किया गया, लेकिन कभी सख्त कार्रवाई नहीं हो पाई।