Edited By Vatika,Updated: 16 Oct, 2018 05:31 PM
खमाणों स्थित एक प्राईवेट स्कूल के कमरे में गत दिनों 10वीं कक्षा की छात्रा की लाश पंखे से लटकती मिली थी। बेशक स्कूल प्रबंधक और पुलिस द्वारा इसे आत्महत्या करार दिया जा रहा है। वहीं छात्रा के परिजनों द्वारा इसे हत्या करार दिया जा रहा है। मृतका...
रूपनगर (सज्जन): खमाणों स्थित एक प्राईवेट स्कूल के कमरे में गत दिनों 10वीं कक्षा की छात्रा की लाश पंखे से लटकती मिली थी। बेशक स्कूल प्रबंधक और पुलिस द्वारा इसे आत्महत्या करार दिया जा रहा है। वहीं छात्रा के परिजनों द्वारा इसे हत्या करार दिया जा रहा है। मृतका के परिजनों की तरफ रोते-बिलखते हुए प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगार्इ जा रही है।
हंसती -खेलती हुई स्कूल गई थी पोती
छात्रा शीतल के दादा दलवारा सिंह ने बताया कि 9 अक्तूबर को उनकी पोती हंसती -खेलती हुई स्कूल वैन में गई सुबह 8 बजे गई थी। 8.35 पर स्कूल प्रिंसीपल और वैन चालक अफरा-तफरी में उन्हें घर से लेने आ गए। जब वह स्कूल पहुंचे तो उसकी पोती की लाश पंखे से लटक रही थी। स्कूल वालों ने पुलिस के आने से पहले ही लाश को नीचे उतार दिया।
दलवारा सिंह ने लगाया अारोप
पुलिस ने उनसे बिना कोर्इ पूछताछ किए खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए और लाश पोस्टमार्टम कराने के लिए भेज दी। दलवारा सिंह ने आरोप लगाया कि उसकी पोती की मौत के जिम्मेदार स्कूल वाले हैं। उसे मार कर पंखे से लटकाया गया है। परिजनों ने इस मामले में सी. बी. आई. जांच की तथा कातिलों को फांसी पर लटकाने की मांग की है।
शक के घेरे में पुलिस की कार्रवार्इ
इस मामले में पुलिस की कार्रवार्इ भी शक के घेरे में है क्योंकि पुलिस ने शीतल की मौत को कुदरती हादसा करार देते हुए 174 की कार्रवार्इ करते हुए उसकी मौत के फाइलों में दबा दिया। इतना ही नहीं पुलिस ने ना तो स्कूल के उस कमरे को सील किया, जिसमें शीतल की लाश पंखे से लटकती मिली और ना ही कोई वीडियोग्राफी करवा कर बारीकी से कोई छानबीन की।