7 हजार करोड़ से काबू होगा पराली का धुआं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Dec, 2017 09:47 AM

stubble burning

पंजाब में धान की फसल के बाद पराली की आग से लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के मामले को देखते हुए पंजाब सरकार ने विशेष ‘प्लान’ पर फोकस किया है।

जालंधर(इनपुट डैस्क): पंजाब में धान की फसल के बाद पराली की आग से लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के मामले को देखते हुए पंजाब सरकार ने विशेष ‘प्लान’ पर फोकस किया है। राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए 7091 करोड़ रुपए के प्लान के तहत सूबे के किसानों को प्रोत्साहित करने की विशेष योजना है। पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से इस प्लान को मंजूरी देने की सिफारिश की है ताकि समय रहते हानिकारक होते जा रहे प्रदूषण पर काबू पाया जा सके। 

 

राज्य सरकार के अधिकारियों के मुताबिक  7091 करोड़ रुपये में से 5,220 करोड़ रुपए पराली प्रबंधन उपक रण और 1,109 करोड़ रुपए फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने की व्यवस्था की गई है। प्लान के तहत कई उपकरणों को खरीदने का प्रावधान भी रखा गया है, जिसमें सैल्फ प्रोपल्ड कंबाइनस, पैडी स्ट्रा, चॉपर, हैप्पी सीडर्स, सब सोइलर और लूज स्ट्रा चॉपर इत्यादि शामिल हैं। 

 

प्लान के तहत यह उपकरण 3 साल के भीतर खरीदे जाएंगे और सहकारी सभाओं और फार्म मशीनरी बैंक के तहत इन उपकरणों को किसानों को किराए पर उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार सूबे किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान भी छेड़ेगी। मोबाइल एप्लीकेशनों व अन्य प्रचार माध्यमों के जरिए किसानों को इन उपरकरणों को किराये पर लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब सरकार के चीफ सिक्रेटरी करण अवतार सिंह, वित्तायुक्त(विकास) विश्वजीत खन्ना ने इस विशेष एक्शन प्लान को केंद्र सरकार के समक्ष पेश किया है। 

 

29 लाख हैक्टियर भूमि लगे पराली के ढेर 
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इस वर्ष पंजाब में 29 लाख हैक्टियर में खरीफ की फसल का उत्पादन हुआ, जिसमें बासमती का उत्पादन भी शामिल रहा। एन.जी.टी. के कड़े निर्देशों के बावजूद किसानों ने कई जगह पराली को जलाया, जिससे राजधानी समेत कई मैदानी इलाकों में प्रदूषण के स्तर में भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

 

14 मिलियन टन पराली का करना होगा प्रबंधन
वित्त सचिव(विकास) के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक खरीफ सीजन के दौरान पंजाब में हर साल 20 मिलियन टन पराली निकलती है। इसमें से 1 मिलियन का प्रयोग बायोमॉस प्लांट, 3 मिलियन टन पशुओं के चारे, 2 मिलियन टन का प्रयोग इंडियन ऑयल कंपनी द्वारा सी.एन.जी. के उत्पादन के लिए किया जा रहा। विभागाधिकारियों के मुताबिक इस प्लान के तहत अतिरिक्त बचने वाली 14 मिलियन टन पराली का प्रबंधन प्रमुखता से करना होगा।


प्लान के तहत फार्म मशीनरी का ब्यौरा 
उपकरण    संख्या    कॉस्ट 
1. सैल्फ प्रोपेल्ड कंबाइन    7, 613    95.16
2. पैडी स्ट्रा चॉपर    4,455    102.46
3. हैप्पी सीडर्स    10,365    124.38
4. सब सॉयलर    6000    15.00
5. लूज स्ट्रा चॉपर    2,400    55.20
6. रोटावेटर्स    2,350    23.50
7. रेक्स    5,000    137.50
8. बेलर्स    6,460    500.00

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