Edited By Mohit,Updated: 23 Jan, 2019 09:59 PM
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से तख्त श्री हजूर अबिचल नगर साहिब बोर्ड नांदेड़ का प्रधान नियुक्त करने का सख्त विरोध किया है। एसजीपीसी के प्रधान गोबिन्द सिंह लोंगोवाल ने बुधवार को..............
अमृतसरः शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से तख्त श्री हजूर अबिचल नगर साहिब बोर्ड नांदेड़ का प्रधान नियुक्त करने का सख्त विरोध किया है। एसजीपीसी के प्रधान गोबिन्द सिंह लोंगोवाल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को पत्र लिख कर रोष व्यक्त किया है।
उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि इस मामले में तुरंत दखल देकर महाराष्ट्र सरकार को ऐसा करने से रोका जाए और तख्त श्री हजूर अबिचल नगर साहिब बोर्ड नांदेड़ अधिनियम 1956 की धारा 11 को अपने मूल रूप के अनुसार ही लागू किया जाए और बोर्ड के सदस्यों में से ही प्रधान का चुनाव किया जाए।
लोंगोवाल ने कहा कि सिख कौम तख्त श्री हजूर साहिब के प्रबंधों में सीधे तौर पर सरकारी दखलअंदाजी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि तख्त हजूर साहिब सिखों का तीर्थ स्थान है, जहां दुनिया भर के सिख श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। तख्त साहब के प्रबंधों को 17 सदस्यीय बोर्ड चलाता है। अधिनियम के अनुसार इन सदस्यों में से ही प्रधान का चुनाव किया जाना चाहिए, लेकिन महाराष्ट्र सरकार की ओर से ऐसा नहीं किया जा रहा।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा अधिनियम की धारा 11 में अपनी मनमानी से संशोधन करके अपने स्तर पर प्रधान नियुक्त करना सही नहीं है। एसजीपीसी प्रधान ने कहा कि शिरोमणि समिति दुनिया भर के सिखों की सिरमौर संस्था है और यह संस्था सरकार के इस फैसले का पुरकाोर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी की ओर से यह मामला केन्द्र सरकार के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार के पास भी उठाया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को समझ लेना चाहिए कि सिख पंथ में इस मामले को लेकर भारी रोष व्यापत है।