Edited By Vatika,Updated: 23 Jul, 2018 02:58 PM
आज से लगभग 71 वर्ष पहले 22 जुलाई 1947 के दिन भारतीय संविधान सभा की बैठक में तिरंगे की स्थापना की गई थी। कुछ नेताओं की तरफ से अपनी नेतागिरी को चमकाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अटारी बार्डर पर 370 फुट का तिरंगा लगा दिया गया, जिससे पाकिस्तान के साथ...
अमृतसर(नीरज): आज से लगभग 71 वर्ष पहले 22 जुलाई 1947 के दिन भारतीय संविधान सभा की बैठक में तिरंगे की स्थापना की गई थी। कुछ नेताओं की तरफ से अपनी नेतागिरी को चमकाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अटारी बार्डर पर 370 फुट का तिरंगा लगा दिया गया, जिससे पाकिस्तान के साथ फ्लैग वॉर शुरू हो गई। इसका परिणाम यह निकला कि पाकिस्तान ने चीन की मदद से अपने वाघा बार्डर पर 410 फुट का पाकिस्तानी झंडा लगा दिया। हालत यह है कि पाकिस्तान के विरोध के बावजूद अटारी बार्डर पर नगर सुधार ट्रस्ट की जमीन पर तिरंगा लगाया गया और यह कहा गया कि पाकिस्तान के लाहौर से तिरंगा नजर आएगा जिसका पाकिस्तान ने विरोध भी किया, लेकिन पाकिस्तान बदला लेने के लिए तिरंगे के सामने अत्याधुनिक तकनीक से लैस एशिया का सबसे ऊंचा झंडा लगा दिया।
पाकिस्तान ने खर्च किया 15 करोड़
अटारी बार्डर पर लगाए गए 370 फुट के तिरंगे पर 3 करोड़ रुपया खर्च किया गया, जबकि पाकिस्तान की सरकार ने अपने 410 फुट के झंडे पर 15 करोड़ रुपया खर्च किया है। झंडे के आसपास लेजर लाइट्स लगाई गई हैं जो रात के समय पाकिस्तानी झंडे की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देती हैं जबकि 370 फुटी तिरंगे के आसपास सरकार की तरफ से कोई सजावट तक नहीं की गई है। टूरिज्म विभाग व नगर सुधार ट्रस्ट की जमीन होने के कारण इसकी सजावट पर किए जाने वाले खर्च का भी झमेला है।
रेंजर्स करते हैं पाकिस्तानी झंडे की देखरेख
जब भी किसी देश के राष्ट्रीय झंडे की बात होती है तो आमतौर पर इसकी देखरेख सेना, अद्र्ध सैनिक बल व पुलिस करती है जबकि पाकिस्तान के 410 फुट के झंडे की देखरेख पाक रेंजर्स कर रहे हैं। वहीं &70 फुट के तिरंगे की देखरेख का काम सिविल विभाग नगर सुधार ट्रस्ट कर रहा है। नगर सुधार ट्रस्ट की तरफ से प्रति माह 2 लाख रुपए ठेके पर एक प्राइवेट कंपनी को तिरंगे की देखरेख करने का जिम्मा दिया गया है। यह ठेका भी तब दिया गया जब तेज हवाओं के चलते कई बार तिरंगा फट गया और नगर सुधार ट्रस्ट इसकी देखरेख के काम में बेबस नजर आया। यही कारण था कि हर रोज इसकी देखभाल करने के लिए प्राइवेट कंपनी को ठेका दिया गया।