Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 12:34 AM
सेवा में गलती डाक विभाग पर इस कदर भारी पड़ी कि उसे इसका खमियाजा 1 लाख का मुआवजा अदा कर भुगतना पड़ेगा। मामला वर्ष 2011 का है जब संगरूर निवासी अखिलेश ग्रोवर ने 8 फरवरी को मोहाली के सैक्टर-62 स्थित डाकघर से पंजाब पब्लिक सॢवस कमीशन की परी...
चंडीगढ़(शर्मा): सेवा में गलती डाक विभाग पर इस कदर भारी पड़ी कि उसे इसका खमियाजा 1 लाख का मुआवजा अदा कर भुगतना पड़ेगा। मामला वर्ष 2011 का है जब संगरूर निवासी अखिलेश ग्रोवर ने 8 फरवरी को मोहाली के सैक्टर-62 स्थित डाकघर से पंजाब पब्लिक सॢवस कमीशन की परीक्षा के लिए स्पीड पोस्ट के माध्यम से आवेदन किया था। कमीशन के पटियाला स्थित कार्यालय में आवेदन पहुंचने की आखिरी तारीख 15 फरवरी, 2011 थी लेकिन वास्तव में कमीशन कार्यालय में ग्रोवर का स्पीड पोस्ट 21 फरवरी को डिलीवर हुआ। इस कारण कमीशन ने ग्रोवर को परीक्षा के लिए अयोग्य करार दे दिया।
डाक विभाग की सेवा में त्रुटि से आहत ग्रोवर ने जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष शिकायत दर्ज की थी। फोरम ने जून 2013 में शिकायत का निपटान करते हुए विभाग को सेवा में त्रुटि का दोषी मानते हुए आदेश दिए कि विभाग ग्रोवर को एक महीने के अंदर 50 हजार रुपए मुआवजे के रूप में अदा करे। यदि विभाग राशि अदा करने में देरी करता है तो उसे इस राशि पर 9 प्रतिशत की दर से ब्याज की भी अदायगी करनी होगी लेकिन विभाग ने मुआवजा अदा करने की जगह फोरम के इस फैसले के विरुद्ध राज्य उपभोक्ता आयोग के समक्ष अपील दायर कर दी।
राज्य आयोग ने दिसम्बर 2015 में विभाग की अपील खारिज करते हुए फोरम द्वारा सुनाई गई मुआवजे की 50 हजार की राशि को नाकाफी मानते हुए इस राशि को 1 लाख रुपए कर दिया लेकिन विभाग ने राज्य आयोग के इस फैसले के विरुद्ध भी राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के समक्ष अपील दायर की जिसे गत दिनों खारिज करते हुए राष्ट्रीय आयोग ने राज्य उपभोक्ता आयोग के फैसले को सही ठहराया।