CM चेहरे के ऐलान और आगामी चुनावों को लेकर हरीश चौधरी से खास बातचीत

Edited By Sunita sarangal,Updated: 29 Dec, 2021 05:27 PM

special conversation with punjab congress in charge harish chaudhary

पंजाब विधानसभा के आम चुनावों को लेकर कांग्रेस राजनीति में उबाल आया हुआ है। कांग्रेस में ‘आया राम गया राम’ का दौर शुरू हो गया है। सत्ताधारी.......

जालंधर(सुनील धवन): पंजाब विधानसभा के आम चुनावों को लेकर कांग्रेस राजनीति में उबाल आया हुआ है। कांग्रेस में ‘आया राम गया राम’ का दौर शुरू हो गया है। सत्ताधारी कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर ज्यादा शोर मचा हुआ है। इसका असर कांग्रेसी विधायकों की वफादारियां बदलने से दिखाई देने लगा है। ऐसे में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी से कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की गई, पेश है बातचीत के अंश: 

कांग्रेस के 3 विधायक राणा गुरमीत सिंह सोढी, फतेहजंग सिंह बाजवा तथा बलविंद्र सिंह लाडी ने भाजपा का दामन थाम लिया है?
इन तीनों कांग्रेसी विधायकों की टिकट कांग्रेस हाईकमान काटने जा रहा था। इसे देखते हुए तीनों ने अपना राजनीतिक भविष्य भाजपा में सुरक्षित देखा तथा उसमें चले गए। कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर जो सर्वे करवाया था, उसमें तीनों अपने-अपने विधानसभा हलकों में हारते हुए दिखाई दे रहे थे। राणा सोढी की हालत गुरुहरसहाय में बहुत पतली थी। इसी तरह से फतेहजंग बाजवा के स्थान पर कांग्रेस इस बार पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा पर दाव खेलने जा रही थी। बलविंद्र सिंह लाडी के निकटस्थों को भी यह संदेश दे दिया गया था कि उन्हें इस बार टिकट देना पार्टी के लिए मुश्किल होगा।

क्या पार्टी को इससे नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा?
कांग्रेस को नुकसान की बजाय फायदा ही होगा। इन सीटों पर नए चेहरों को उतारा जाएगा जो जीत हासिल करने में कामयाब होंगे। पार्टी छोड़कर जाने वालों का कभी भी भला नहीं हुआ है।

कांग्रेस में कुछ और विधायकों की टिकटें काटने की चर्चाएं चल रही हैं। इनमें कितना दम है?
पार्टी इस बार कुछ और विधायकों की टिकटें भी काटेगी क्योंकि उनके बारे में रिपोर्टें सही नहीं हैं। जो विधायक जनता से कट गए, उन्हें टिकट देने का कोई फायदा नहीं है। अब यह बताना कठिन है कि कितने विधायकों को कांग्रेस हाईकमान इस बार बदलने जा रही है। पार्टी जीत की संभावना व मैरिट के आधार पर टिकटों का बंटवारा करेगी। टिकटें देते समय यह नहीं देखा जाएगा कि कौन किसका रिश्तेदार है।

क्या कांग्रेस चुनावी मैदान में बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के उतरेगी?
पार्टी ने कभी भी पहले मुख्यमंत्री पद के नाम का ऐलान नहीं किया है। कांग्रेस के विजयी होने वाले विधायक ही पार्टी नेतृत्व के साथ मिलकर मुख्यमंत्री का चयन करते हैं। इस बार भी इसी प्रथा पर अमल किया जाएगा।

क्या कांग्रेस इस बार सामूहिक नेतृत्व को लेकर चुनावी जंग में उतरेगी?
कांग्रेस 3 प्रमुख नेताओं चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू तथा सुनील जाखड़ के चेहरों को आगे करके चुनावी जंग में उतरने जा रही है। सामूहिक नेतृत्व से पार्टी मजबूत होगी तथा समाज के सभी वर्ग पार्टी के साथ जुड़ेंगे। कांग्रेस ने सामूहिक नेतृत्व के तहत दलित, जाट सिख तथा हिंदू तीनों नेताओं को आगे रखने का निर्णय लिया है। चुनाव नतीजे आने के बाद कांग्रेस विधायक अपने मुख्यमंत्री का चयन करेंगे।

पिछले विधानसभा चुनाव में तो कैप्टन अमरिंदर सिंह को राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव प्रचार के दौरान घोषित कर दिया था?
हर बार परिस्थिति अलग होती है। पिछली बार कैप्टन अमरिंदर सिंह के इर्द-गिर्द कांग्रेस का चुनाव अभियान घूम रहा था। जब पार्टी सत्ता में नहीं होती है तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी के इर्द-गिर्द पार्टी का चुनाव प्रचार अभियान घूमता है। जब पार्टी सत्ता में होती तो मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द चुनाव अभियान चलता है।

कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कब तक किया जाएगा?
कांग्रेस अभी केंद्रीय चुनाव आयोग की तरफ देख रही है कि वह कब चुनावों की घोषणा करता है। हमने अपनी प्रारंभिक तैयारियां उम्मीदवारों के चयन को लेकर कर ली हैं।

केंद्रीय चुनाव कमेटी की बैठक की तारीख क्या तय कर ली गई है?
अभी तक केंद्रीय चुनाव कमेटी की बैठक की तारीख तय नहीं हुई है। यह कमेटी कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की अध्यक्षता में बैठक कर उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम मोहर लगाती है। पंजाब कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक कल अवश्य ही नई दिल्ली में फिर से होने जा रही है जिसमें उम्मीदवारों के नामों पर मंथन किया जाएगा।

कांग्रेस अपना चुनाव घोषणा-पत्र कब तक तैयार कर लेगी?
पार्टी ने प्रताप सिंह बाजवा की अध्यक्षता में चुनाव घोषणा-पत्र कमेटी गठित की हुई है जो अपना काम कर रही है। चुनावों की घोषणा होने के बाद कांग्रेस अपना चुनाव घोषणा-पत्र भी अगले 5 वर्षों के लिए प्रस्तुत कर देगी।

आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ कार्पोरेशन चुनाव जीत लिए हैं। क्या इसका पंजाब में कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ेगा?
आम आदमी पार्टी ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में चाहे चुनाव जीते हैं परंतु पंजाब की राजनीति चंडीगढ़ से अलग है। पंजाब के लोग स्थायी सरकार चाहते हैं। लोग वोट देने से पहले यह देखेंगे कि कौन-सी पार्टी राज्य में लॉ एंड आर्डर को नियंत्रण में कर सकती है तथा पंजाब को विकास के रास्ते पर ले जा सकती है। पार्टी विकास मॉडल को जनता के सामने रखेंगे।

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने पिछले समय में महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं, उसका कितना असर जनता पर दिखाई देगा?
चन्नी सरकार ने न केवल घोषणाएं की हैं बल्कि जनता से किए वायदों को पूरा भी किया है। इसका असर जनता पर अवश्य दिखाई देगा।

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