कांग्रेस नेताओं को सताने लगा शहरी हिन्दू वोटों के खिसकने का डर, पढ़ें पूरी खबर

Edited By Vatika,Updated: 26 Aug, 2021 12:43 PM

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2017 के विधानसभा चुनाव में  शहरी हिन्दू वोटों के दम पर सत्ता में आई कांग्रेस के नेताओं को अब आगामी चुनाव में शहरी वोट खिसकने का खतरा  सताने लगा

जालंधर(विशेष): 2017 के विधानसभा चुनाव में  शहरी हिन्दू वोटों के दम पर सत्ता में आई कांग्रेस के नेताओं को अब आगामी चुनाव में शहरी वोट खिसकने का खतरा  सताने लगा है।  कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को ही लग रहा है कि पिछले करीब साढ़े चार के कार्यकाल के दौरान पंजाब सरकार ने शहरी हिन्दुओं के लिए कुछ नहीं किया है और चुनाव में यदि यह वोट बैंक खिसका तो कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी आसान नहीं होगी।

गरीब दुकानदारों  के लिए छलका  स्पीकर  का दर्द
आनंदपुर में  बेजमीने कृषि मजदूरों के लिए कर्जा राहत के लिए आयोजित समारोह के दौरान पंजाब विधान सभा के स्पीकर राणा के पी सिंह की यह चिंता मंच से ही सामने आ गई। इस राज्य स्तरीय समारोह के दौरान मंच से संबोधित करते हुए  राणा के पी सिंह ने कहा कि " पंजाब सरकार ने किसानों  का कर्ज माफ़ कर दिया , एस सी और बी सी वर्ग को राहत दे दी और अब बिना जमीन के कृषि वर्करों का कर्ज माफ़ करने का भी एलान  कर दिया लेकिन शहरों के गरीब दुकानदारों के लिए सरकार ने अभी तक कुछ नहीं किया है।  कोरोना काल के दौरान यह छोटा दुकान दार ही सबसे ज्यादा पिसा है है , वह सुबह दूकान पर आता है और शाम को कई बार बिना कोई सामान बेचे घर चला जाता है क्योंकि मंदी के दौर ने दूकानदार को परेशान किया है।  वह दूकान में सुबह से शाम तक चाय भी अपनी जेब से पीता है।  मेरी मुख्य मंत्री से गुजारिश है कि वह कम से कम छोटे शहरी दूकान दार को बिजली के बिल से राहत आवश्य दें ताकि उसे भी लगे कि सरकार उसके लिए कुछ कर रही है ,फिलाहल वह खुद को नजर अंदाज महसूस कर रहा है "राणा के  पी सिंह ने कहा कि सरकार ने राज्य के हर वर्ग की बात सुनी है।  कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया है। हजारों लोगों को नौकरी दी है लेकिन छोटे गरीब दुकानदारों की बात सुनी जानी चाहिए

2017 में हिन्दू वोट के दम पर सत्ता में आई थी कांग्रेस
गौरतलब है कि 2017 के विधान सभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने राजपुरा से लेकर अमृतसर तक की जी टी रोड बेल्ट में आने वाली शहरी तमाम शहरी सीटों पर बढ़त हासिल  की थी।  राज्य में भाजपा जिन 23 हिन्दू बहुल सीटों पर चुनाव लड़ती है उनमे से 20  सीटें कांग्रेस ने जीती थी और हिन्दू वोटरों ने कांग्रेस का खूब साथ दिया था लेकिन  कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद  राज्य का हिन्दू ही सबसे ज्यादा नजर अंदाज महसूस कर रहा है क्योंकि सरकार का फोकस या तो ग्रामीण किसानों की तरफ रहा या फिर कांग्रेस ने पंथ की राजनीती की और बहबल कलां  फायरिंग का मुद्दा गरमाए रखा।  2011 के जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में हिन्दुओं की आबादी 38.49  प्रतिशत है और  इस वर्ग के समर्थन के बिना किसी भी पार्टी के लिए सत्ता में आना मुश्किल है लिहाजा अब कांग्रेस के  हिन्दू नेताओं को ख़ास तौर पर शहरी हिन्दू वोटरों के खिसकने की चिंता सत्ता रही है।  


सिद्धू के सलाहकारों के बयानों से भाजपा को फायदा
कांग्रेस के हिन्दू  नेता पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह  सिद्धू के सलाहकारों द्वारा दिए जा रहे बयानों से भी नाराज हैं।  उनका मानना है कि  नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली के  विवादित बयानों से पार्टी को नुकसान हो रहा है और पंजाब में जारी मौजूदा स्थिति में यदि राज्य का हिन्दू एकजुट हुआ तो इस से भाजपा को ध्रुवीकरण कराने में आसानी हो सकती है।  भाजपा पूरे देश में आक्रामक राष्ट्रवाद के नाम पर चुनाव मैदान में उतरती है और ऐसे में माली के जम्मू कश्मीर को लेकर दिए गए ब्यान ने पार्टी के लिए दुविधा खड़ी कर दी है क्योंकि कश्मीर को लेकर पार्टी का आधिकारिक स्टेण्ड अलग रहा है 

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