Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 09:10 AM
पहले ही घटिया स्प्रे तथा आलुओं की मंदी की मार झेल रहे किसान कुदरती आफतों तथा समय की सरकारों की ओर से सहायता न मिलने के कारण आत्महत्याएं कर रहे हैं। तकरीबन प्रत्येक सीजन में ही किसानों को किसी न किसी कुदरती आफत का सामना करना पड़ता है।
मोगा(पवन ग्रोवर): पहले ही घटिया स्प्रे तथा आलुओं की मंदी की मार झेल रहे किसान कुदरती आफतों तथा समय की सरकारों की ओर से सहायता न मिलने के कारण आत्महत्याएं कर रहे हैं। तकरीबन प्रत्येक सीजन में ही किसानों को किसी न किसी कुदरती आफत का सामना करना पड़ता है। चन्नूवाला से अबोहर ब्रांच नहर से निकलने वाला दर्जन के करीब गांवों के खेतों की सिंचाई करने वाला सिविया रजबाहा तकरीबन 3 सप्ताह से सफाई होने के कारण बंद होने से किसानों में हाहाकार मची पड़ी है।
पशुओं के लिए बीजा हरा चारा सूख रहा है। इलाके के किसान प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि नहरी विभाग ने इन रजबाहों की सफाई धान के सीजन के शुरू होने से पहले क्यों नहीं करवाई। अब बिल्कुल जब फसल पूरे जोबन पर है तो रजबाहों को बंद करके किसानों के नाक में दम कर दिया है। कड़ी मेहनत व मशक्कत से देखभाल की हुई फसल का नुक्सान हो रहा है। रजबाहे बंद होने का आरोप लोग कांग्रेस सरकार पर लगा रहे हैं।
क्या कहते हैं एस.डी.ओ. नहरी विभाग
जब इस मामले संबंधी नहरी विभाग के एस.डी.ओ. गुरजंट सिंह सेखों से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से पिछले 2 सालों से रजबाहों की सफाई के लिए हमें कोई फंड रिलीज ही नहीं हुए तथा किसान भी 50 रुपए प्रति एकड़ भरने को तैयार नहीं है। तकरीबन सारे ही रजबाहों ने ड्रेनों का रूप धारण कर लिया है। हमें राजनीतिक दबाव होने के कारण मनरेगा वर्करों को काम देने के लिए ही ऐसा किया गया है।
हलका विधायक ने लग रहे आरोपों को नकारा
इस मामले संबंधी जब हलका बाघापुराना के विधायक दर्शन सिंह बराड़ से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार किसानों की हितैषी सरकार है। ये लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं तथा न ही किसी पर कोई राजनीतिक दबाव है। 1-2 दिनों में रजबाहे को मैं निजी तौर पर ध्यान देकर चालू करवा दूंगा।