Edited By swetha,Updated: 31 Dec, 2019 10:28 AM
कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह सुखी रंधावा के खिलाफ अलग-अलग सिख संगठनों द्वारा आज श्री अकाल तख्त साहिब पर ज्ञाापन देकर उनको सख्त धार्मिक सजा सुनाने की मांग की गई।
अमृतसर(ममता): कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह सुखी रंधावा के खिलाफ अलग-अलग सिख संगठनों द्वारा आज श्री अकाल तख्त साहिब पर ज्ञाापन देकर उनको सख्त धार्मिक सजा सुनाने की मांग की गई। अलग- अलग संगठनों जिनमें जत्था सिरलत्थ खालसा, अकाल खालसा दल, बाबा बाज मिसल, शहीद तरनादल, दशमेश तरना दल, सिख विरसा संभाल सुधार कमेटी पंजाब बाबा बुढ्डा जी इंटरनैशनल गुरमति ग्रंथी सभा, बाबा दीप सिंह शिरोमणि गतका अखाड़ा, श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय पर एकत्रित और उनहोंने कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा श्री गुरु नानक देव जी महाराज प्रति आपत्तिजनक शब्दावली का प्रयोग संबंधी हुई वीडियो वायरल को लेकर सख्त शब्दों में रोष जताया गया। उनके द्वारा इस संबंधी श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की अनुपस्थिति में उनके सचिव जसपाल सिंह को ज्ञापन दिया गया।
इन संगठनों के नेताओं द्वारा कहा कि सुखजिन्दर सिंह सुखी रंधावा की ओर से श्री गुरु नानक देव जी के 550 साला प्रकाशोत्सव को समर्पित समागम में और डेरा बाबा नानक सुल्तानपुर लोधी में धार्मिक समागमों को खराब करने की कोशिश की गई, इतना ही नहीं उनके द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के काल्पनिक तस्वीर की तुलना एक आम मनुष्य के साथ की गई। जिसके साथ समूह संगत के मन को भारी ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि सुखजिंदर सिंह रंधावा की ओर से ऐसी बेअदबी के बाद इस संबंध में सिख संगत से माफी तक नहीं मांगी गई। इन संगठनों के नेताओं ने कहा कि कैबिनेट मंत्री पर बनती धार्मिक कार्रवाई के अलावा श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा प्रशासन को भी उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश जारी किया जाना चाहिए।
रंधावा से गलती हुई है तो उन्हें गुरु पंथ से माफी मांगनी चाहिए: हरनाम सिंह खालसा
दमदमी टकसाल के प्रमुख और संत समाज के प्रधान संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने गुरु नानक देव के बारे कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की वायरल हुई वीडियो प्रति टिप्पणी करते इसे निंदनीय करार दिया है। प्रो.सरचांद सिंह द्वारा जारी बयान में दमदमी टकसाल के प्रमुख ने मंत्री रंधावा को सलाह दी कि अगर उनसे गुरु साहिब प्रति जाने-अनजाने में ही ऐसी कोई अवज्ञा या गुस्ताखी हो गई है तो उस भूल प्रति पश्चाताप करते गुरु पंथ से माफी मांग लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक और राजनीतिक नेता समाज के लिए रोल आफ माडल (मार्ग दर्शन) हुआ करते हैं। उनके आचार विहार को लोग अपनाते आए हैं ऐसे में लोगों की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखा जाना नेताओं का नैतिक फर्ज बनता है।