Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 May, 2018 03:12 PM
ट्रांसजेंडर समुदाय को नागरिक हक दिलाने के लिए पाकिस्तान में रहते एक सिख ने आंदोलन छेड़ रखा है । वह उन्हें भ्रमण यात्रा पर लेने जाने के साथ ही उनके लिए खेलों तथा त्यौहार का आयोजन करते है। उनका केवल एक ही उद्देश्य ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के बारे...
अमृतसर:ट्रांसजेंडर समुदाय को नागरिक हक दिलाने के लिए पाकिस्तान में रहते एक सिख ने आंदोलन छेड़ रखा है। वह उन्हें भ्रमण यात्रा पर लेने जाने के साथ ही उनके लिए खेलों तथा त्यौहारों का आयोजन करते है। उनका केवल एक ही उद्देश्य ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के बारे में आम जनता को जागरूक करना है ।
पेशावर में अल्पसंख्यक अधिकारों के राष्ट्रीय परिषद अध्यक्ष रादेश सिंह टोनी ने कहा कि ट्रांसजेंडरों को समाज में नफरत भरी निगाहों से देखा जाता है। अक्सर उनके माता-पिता उन्हें छोड़ देते हैं। उन्हें समाज में बहिष्कार का सामना करना पड़ता है। वह ज्यादातर विवाह में नाचकर आजीविका कमाते हैं। कई बार बलात्कार कर इनकी हत्या कर दी जाती है। उन्होंने बताया कि 2017 में सिर्फ खैबर पखतूनवा इलाके में 57 ट्रांसजेंडर मारे गए थे।
उन्होंने कहा कि लंबे समय तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद 2017 में जैंडर वाले कॉलम में ट्रांसजेंडर वर्ग को शामिल किया गया था। इससे पहले वह स्वंय को पुरुष या स्त्री के रूप में वर्णित करके पासपोर्ट तथा ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त कर सकते थे। उन्होंने कराची स्थित एक 23 वर्षीय ट्रांसजेंडर की कहानी बताते कहा कि किस तरह मां-बाप के ठुकराने के बाद वह गैंगरेप का शिकार बनी। अब सारी मुश्किलों से लड़ने के बाद वह पहली ट्रांसजेंडर डाक्टर बनने के लिए तैयार है।
इस संबंधी उक्त होनहार ट्रांसजेंडर से बातचीत की गई तो उसने कहा वह एम.बी.बी.एस. के चौथे साल में है। वह राष्ट्रीय असेंबली के चुनाव लड़ने की इच्छुक है। उसने टोनी द्वारा उनके समुदाय के लिए उठाए गए प्रयासों की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया। जब उससे गया कि ट्रांसजेंडर लोगों को तंग करने के साथ मार दिया जाता है। इस पर उसने कहा कि लोग ट्रांसजेंडर को दर्द देना पसंद करते हैं। एन.जी.ओ. ट्रांस एक्शन की महासचिव अन्य ट्रांसजेंडर ने कहा कि सरदार जी हमारे लिए चिराग हैं। जब वो हमारे पास आते हैं ऐसा लगता है- जैसे मां-बाप का साथ मिल गया हो।