कॉरिडोर पर केंद्र सरकार से खुश नहीं सिख श्रद्धालु

Edited By swetha,Updated: 16 Nov, 2019 09:48 AM

sikh devotees not happy with the central government on the corridor

वापसी के लिए हमसे संपर्क करें: खालिस्तान समर्थक संगठन

जालंधर(विशेष): कॉरिडोर के उद्घाटन को लेकर बेहद उत्साहित सिख श्रद्धालुओं में करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए 20 डॉलर फीस लिए जाने को लेकर रोष है। साथ ही केंद्र सरकार के प्रति भी सिख श्रद्धालुओं में नाराजगी है कि केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखाई। इस कारण सिख श्रद्धालु अब भी  पाकिस्तान स्थित गुरुघरों के दर्शन के लिए अटारी बार्डर से जाना ज्यादा बेहतर मान रहे हैं। सिख श्रद्धालुओं का कहना है कि जब 2000 रुपए से कम खर्च पर वे पाकिस्तान में 10 दिन तक रहकर एक दर्जन के ज्यादा गुरुघरों के दर्शन करने के अलावा लाहौर व अन्य शहरों को देख सकते हैं तो फिर साढ़े सात घंटों के लिए 1400 रुपए देना ठीक नहीं है।  एक सिख श्रद्धालु ननकाना साहिब सिख तीर्थ यात्री जत्थे के प्रधान स्वर्ण सिंह गिल ने बताया कि पाकिस्तान वीजा फीस 120 रुपए के अलावा अटारी से लाहौर, ननकाना साहिब और हसन अबदाल आने-जाने का खर्च उन्हें करीब 1870 रुपए पड़ता है। इसके अलावा बिना किसी खर्च के श्रद्धालुओं के लिए गुरुद्वारा साहिबों में रहने व लंगर की व्यवस्था है।

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 फीस वापसी के लिए हमसे संपर्क करें: खालिस्तान समर्थक संगठन
खालिस्तान समर्थक यू.एस. बेस्ड सिख्स फॉर जस्टिस (एस.एफ.जे.) ने पंजाब के सिख श्रद्धालुओं से कहा है कि गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों के लिए करतारपुर कॉरिडोर पर दी गई 20 डॉलर की फीस वापस लेने के लिए वे उनके संगठन के साथ संपर्क कर सकते हैं। एस.एफ.जे. के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर के लिए दी गई फीस वापसी के लिए सिख श्रद्धालुओं को फीस की रसीद, एड्रैस व नैशनल आई.डी. मेल करने होगी जिसके बाद 20 डॉलर वैस्ट्रन यूनियन के जरिए वापस कर दिए जाएंगे। पन्नू ने कहा कि सिख समुदाय उनके संगठन के साथ सहमत है कि करतारपुर कॉरिडोर सिखों के मसले का हल नहीं है। 

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नेताओं को फर्क नहीं पड़ता लेकिन गरीब क्या करें : श्रद्धालु
श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में सिख जत्थे के साथ जा रहे दिल्ली के रहने वाले एक श्रद्धालु सुरजीत सिंह ने कहा कि एक गुरुघर के दर्शन के लिए सिख नेताओं व अमीर व्यक्तियों के लिए 20 डॉलर अदा करना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन मिडल क्लास परिवारों व गरीब व्यक्तियों के लिए इतनी फीस वहन करना मुश्किल है।  उन्होंने कहा कि सिख जत्थे के साथ अटारी बार्डर के रास्ते पाकिस्तान जाने से पहले उन्होंने फीस की तुलना की तो उन्हें अटारी के रास्ते जाना सस्ता लगा क्योंकि कम खर्च पर श्रद्धालु दर्जनभर के करीब गुरुघरों के दर्शन कर सकता है।  

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अटारी रूट से करताररपुर जाने को पहल

सुरजीत सिंह ने कहा कि अमृतसर से डेरा बाबा नानक के लिए 2000 रुपए के करीब टैक्सी का खर्च पड़ता है और उसके बाद करतारपुर साहिब जाने के लिए 20 डॉलर फीस देनी पड़ती है। इससे भी बड़ी बात यह है कि उन्हें गुरुद्वारा साहिब परिसर से बाहर जाने की आज्ञा नहीं होगी और शाम तक वापस आना होगा। उन्होंने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर से जाना लोगों के लिए एक नए रास्ते को लेकर उत्साह से अधिक नहीं है जबकि बाद में लोग अटारी रूट से जाने को पहल देंगे।  एक अन्य सिख श्रद्धालु बिक्रमजीत सिंह ने बताया कि अगर श्रद्धालु सिख जत्थे के साथ जाते हैं तो गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर सहित 14 के करीब ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन कर सकते हैं। इस हिसाब से खर्च कम बैठता है। इसके अलावा लाहौर शहर देखने को लेकर भी उत्साह कम नहीं होता। सुरजीत सिंह ने कहा कि कॉरिडोर के लिए ली जा रही फीस माफ करना पाकिस्तान के लिए ज्यादा लाभदायक होगा।   

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सिख श्रद्धालुओं ने ई.टी.पी.बी. अधिकारियों पर लगाया शोषण का आरोप
श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व मनाकर दूसरे सिख जत्थे के साथ लौटे सिख श्रद्धालुओं ने इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ई.टी.पी.बी.) अधिकारियों पर शोषण का आरोप लगाया है। सिख श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि जब से भारत-पाकिस्तान के बीच रेल सेवा बंद हुई है वे अटारी के रास्ते पाकिस्तान जा रहे हैं ।  उन्हें बस से एक जगह से दूसरी जगह जाने पर बहुत ज्यादा किराया देना पड़ा। एक सिख श्रद्धालु अमरजीत सिंह ने बताया कि वाघा से ननकाना साहिब के लिए उनसे प्रति श्रद्धालु बस किराया 1,200 और ननकाना साहिब से पंजा साहिब और करतारपुर साहिब जाने के लिए 2,200 रुपए किराया वसूला गया। इसके बाद ननकाना साहिब से लाहौर और वाघा के लिए उन्हें दोबारा 1,200-1,200 रुपए ई.टी.पी.बी. अधिकारियों जिन्होंने अलग काऊंटर लगा रखा था, को देने पड़े। यही नहीं जब सिख श्रद्धालुओं ने ई.टी.पी.बी. अधिकारियों के पास इस मुद्दे को उठाया तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। 

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पी.एस.पी.जी.सी. में भी सुनवाई नहीं 
एक अन्य श्रद्धालु बिक्रमजीत सिंह ने आरोप लगाया कि यह पहली बार है जब ई.टी.पी.बी. अधिकारियों ने खुलेआम श्रद्धालुओं से बस किराया मांगा है। उन्होंने कहा कि हमने इस मामले को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पी.एस.पी.जी.सी.) अधिकारियों के पास भी उठाया लेकिन उन्होंने इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया।  उन्होंने कहा कि यदि सिख जत्था ट्रेन से पाकिस्तान गुरुघरों के दर्शनों के लिए जाता है तो प्रति श्रद्धालु 450 रुपए रेल किराए के अलावा ननकाना साहिब से गुरुद्वारा सच्चा सौदा, फरूखाबाद और एमनाबाद स्थित गुरुद्वारा रौड़ी साहिब के लिए 400 रुपए बस किराया देना पड़ता है। इसके अलावा श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा साहिब में कट्टरपंथियों की मौजूदगी और उनके द्वारा स्टेज लगाकर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया जाता है। 

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ई.टी.पी.बी. ने आरोपों को गलत बताया
इस संबंध में जब ई.टी.पी.बी. जन संपर्क अधिकारी अमीर हाशमी से बात कि गई तो उन्होंने श्रद्धालुओं के आरोपों को नकारते हुए कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने बताया कि करीब 1,200 करीब भारतीय यात्री वापस गए हैं और करीब 2,000 और यात्री अगले बुधवार को भारत जाएंगे।       

 

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